कटघरे में GST व्यवस्था, दिल्ली-NCR में हो रही बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी
नोएडा, ग्रेटर नोएडा व दादरी में ही करीब तीन करोड़ रुपये का राशन का सामान दिल्ली से आता है। इससे राज्य सरकार को औसतन आठ फीसद के हिसाब करीब 25 लाख रुपये का प्रतिदिन नुकसान हो रहा है।
नई दिल्ली/नोएडा, कुंदन तिवारी। दिल्ली स्थित न्यू कोंडली, कल्याणपुरी, मयूर विहार फेज-3 बाजार के व्यापारी बिना वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) दिए, सामान नोएडा सहित पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बाजार में डंप करने में जुटे हैं। इन पर अंकुश लगा पाने में अभी तक स्टेट जीएसटी अधिकारी पूरी तरह से नाकाम हैं।
माल परिवहन में ई-वे बिल व्यवस्था लागू होने के बाद भी माफिया की मनमानी पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। यह बड़ा सवाल उठाकर, डिस्ट्रीब्यूटर एसोसिएशन ऑफ नोएडा ने जीएसटी की पूरी व्यवस्था को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है। एसोसिएशन के अनुसार वर्ष 2017 से स्टेट जीएसटी की विशेष अनुसंधान शाखा को लगातार मामले में अवगत कराया जा रहा है। बावजूद इस टैक्स में हो रही हेराफेरी व चोरी को रोकने के लिए अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।
मुख्यमंत्री से भी की जा चुकी है शिकायत
एसोसिएशन का आरोप है कि अधिकारी, टैक्स चोर माफिया पर अंकुश लगाने की बजाए नोएडा के कारोबारियों को ही कार्रवाई में फंसा कर उत्पीड़न करने में जुटे हैं। हैरानी की बात यह है कि इस मामले में दो बार आइजीआरएस के तहत मुख्यमंत्री से भी शिकायत की जा चुकी है। पहली बार शिकायत 27 दिसंबर 2017 (आइजीआरएस संख्या 121411700523587) और दूसरी शिकायत नौ मार्च 2018 (आइजीआरएस संख्या 12141180073947) को की गई थी।
खानापूर्ति के बाद बंद हुई शिकायत
मुख्यमंत्री से शिकायत के बाद यूपी के गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) में तैनात एसआइबी के अधिकारियों ने कागजी खानापूर्ति कर फाइल बंद कर दी। इसके बाद फरवरी में उप्र उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल के प्रांतीय अध्यक्ष बनवारी लाल कंछल ने साक्ष्य के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने पूरा प्रकरण रखा। बावजूद अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। जीएसटी चोर माफिया का धंधा दिनरात फलफूल रहा है। पूर्व में तैनात सभी अधिकारियों का यहां से तबादला हो चुका है। दूसरे अधिकारी इस प्रकार की जानकारी से इन्कार कर रहे हैं।
गौरतलब है कि केवल गौतमुद्धनगर के नोएडा, ग्रेटर नोएडा व दादरी के बाजारों में ही करीब तीन करोड़ रुपये का प्रतिदिन राशन का सामान दिल्ली से आता है। इससे राज्य सरकार को औसतन आठ फीसद के हिसाब करीब 25 लाख रुपये प्रतिदिन राजस्व का नुकसान हो रहा है। नोएडा-गाजियाबाद के पीड़ित कारोबारियों का कहना है कि दो शहरों के बार्डर पर न्यू कोंडली, कल्याणपुरी, मयूर विहार फेज-3 बसा हुआ है। यहां पर हजारों की संख्या में होल सेल व्यापारी बिना जीएसटी का माल उप्र के तमाम शहरों में खपा रहे हैं। स्टेट जीएसटी अधिकारी और प्रवर्तन दस्ते के साथ तैनात पुलिस के सहयोग से यह पूरा नेटवर्क संचालित हो रहा है। इसमें बाजार में बने व्यापार मंडल के पदाधिकारी अहम भूमिका निभा रहे हैं।
इस नेटवर्क को व्यापार मंडल पदाधिकारी की ओर से जारी विजिटिंग कार्ड के जरिए संचालित किया जा रहा है। माल वाहन के पास संकेत के रूप में विजिटिंग कार्ड होता है। उस माल वाहक को न पुलिस की ओर से रोका जाता है और न ही स्टेट जीएसटी के प्रवर्तन अधिकारियों की इन वाहनों को छेड़ने की हिम्मत की जाती है। कारोबारियों के मुताबिक, इस नेटवर्क के जरिए दैनिक उपभोग, निर्माण सामग्री, सेनेट्री का आइटम, इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिकल, पेपर सहित अन्य सामग्री शामिल है।
डिस्ट्रीब्यूटर एसोसिएशन ऑफ नोएडा के अध्यक्ष सुधीर कुमार सिंघल के अनुसार इन सामग्री के साथ जो बिल भेजा जाता है। उस पर्चे पर पूरा माल कारोबारियों के पास पहुंचा जाता है। पर्चे पर फर्म का नाम तो लिखा होता, लेकिन जीएसटी नंबर नहीं छापा गया है। न्यू कोंडली से आने वाले माल पर पैनी निगरानी प्रवर्तन की टीम की ओर से रखी जा रही है। यह दावा यहां पर आने वाले प्रत्येक अधिकारी करते हैं, जबकि खोड़ा से नोएडा व गाजियाबाद की ओर निकलने वाले सभी करीब 11 रास्तों में से किसी पर भी एसआइबी की टीम धरपकड़ नहीं करती है। उल्टा सुविधा शुल्क बांध लिया जाता है।