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दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा में निवेशकों से ठगी करने वाला ग्रीन बे इंफ्रास्ट्रक्चर का मालिक गिरफ्तार

ईओडब्ल्यू के ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर डॉ ओपी मिश्रा ने बताया कि मनीष जैन सहित 22 लोगों ने पुलिस में ग्रीन बे इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।

By Mangal YadavEdited By: Published: Fri, 14 Aug 2020 09:55 PM (IST)Updated: Fri, 14 Aug 2020 09:55 PM (IST)
दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा में निवेशकों से ठगी करने वाला ग्रीन बे इंफ्रास्ट्रक्चर का मालिक गिरफ्तार
दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा में निवेशकों से ठगी करने वाला ग्रीन बे इंफ्रास्ट्रक्चर का मालिक गिरफ्तार

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने निवेशकों से करोड़ों की ठगी में ग्रीन बे इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के 67 वर्षीय मालिक विजय गुप्ता को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। आरोपित ने लोगों को यमुना एक्सप्रेसवे के समीप ग्रेटर नोएडा के सेक्टर-22डी में आवासीय परियोजना में किफायती दर पर फ्लैट और भूमि देने का झांसा दिया था। रुपये जमा करने के बाद जब निवेशकों को फ्लैट और जमीन नहीं दिए गए तो उन्होंने इसकी शिकायत दिल्ली पुलिस से की। फिलहाल 22 लोगों ने करीब पांच करोड़ रुपये ठगे जाने की शिकायत की है। पुलिस अधिकारी को उम्मीद है कि अब कई अन्य पीड़ित भी सामने आएंगे। इस मामले से उनकी भी शिकायत जोड़ ली जाएगी।

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ईओडब्ल्यू के ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर डॉ ओपी मिश्रा ने बताया कि मनीष जैन सहित 22 लोगों ने पुलिस में ग्रीन बे इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। कंपनी ने वर्ष 2011 में उत्तर प्रदेश के यमुना एक्सप्रेसवे के पास समीप ग्रेटर नोएडा इलाके में आवासीय परियोजना में निवेश के लिए लोगों से लाखों रुपये लिए थे। निवेशकों को भरोसा दिलाया गया था कि कंपनी 18 महीने के अंदर लोगों को फ्लैट अथवा भूखंड सौंप देगी। कंपनी के झासे में आकर शिकायकर्त्ताओं ने पांच करोड़ से ज्यादा रुपये कंपनी को दे दिए। लेकिन नौ वर्ष बीत जाने के बावजूद निवेशकों को ना तो फ्लैट दी गई और ना ही जमीन।

जिसके बाद लोगों ने इसकी शिकायत पुलिस में की। पुलिस ने जांच शुरू की तो पता चला कि कंपनी ने यमुना एक्सप्रेसवे के समीप औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा करीब 100 एकड़ भूमि के आवंटन का दावा किया था। इसकी आड़ में कंपनी ने निवेशकों से 323 करोड़ रुपये की राशि एकत्र की ली थी। बाद में उनमे से 170 करोड़ रुपये अन्य स्वामित्व वाली कंपनी को स्थानांतरित कर दी गई थी। वहीं बाद में कंपनी ने लोगों को फ्लैट देने से इनकार कर दिया था। ठगी का पता चलने पर एसीपी कपिल पराशर की टीम ने कंपनी के मालिक विजय गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया।  


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