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Delhi News: डूसिब की खाली पड़ी जमीन व भवनों का आडिट करवाएगी सरकार

Delhi News उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इसके लिए अधिकारियों को आदेश देते हुए 15 दिनों में रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है।इसके साथ ही अधिकारियों को प्राथमिकता के साथ एक आनलाइन कंप्यूटर इन्वेंट्री सिस्टम स्थापित करने का निर्देश दिया है।

By V K ShuklaEdited By: Prateek KumarPublished: Sat, 01 Oct 2022 02:03 PM (IST)Updated: Sat, 01 Oct 2022 05:33 PM (IST)
Delhi News: डूसिब की खाली पड़ी जमीन व भवनों का आडिट करवाएगी सरकार
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने अधिकारियों को 15 दिन के अंदर रिपोर्ट सौंपने का दिया निर्देश।

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। दिल्ली सरकार दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डूसिब) की खाली पड़ी जमीन और भवन संपत्तियों का आडिट करवाएगी। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इसके लिए अधिकारियों को आदेश देते हुए 15 दिनों में रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है। इसके साथ ही अधिकारियों को प्राथमिकता के साथ एक आनलाइन कंप्यूटर इन्वेंट्री सिस्टम स्थापित करने का निर्देश दिया है। इस आनलाइन मानिटरिंग सिस्टम में डूसिब की खाली भूमि और भवन संपत्ति की मौजूदा स्थिति का जियो कोआर्डिनेट, फोटो, अवैध कब्जे पर रिपोर्ट आदि के साथ हर संपत्ति का होगा का पूरा विवरण होगा। इससे सरकारी जमीन पर अतिक्रमण गतिविधियों को ट्रैक करने और रोकने में सरकार की मदद करेगी।उपमुख्यमंत्री द्वारा आम जनता द्वारा बताए गए कुछ अतिक्रमण और अवैध भूमि अधिग्रहण के मामलों का संज्ञान लेते हुए यह आदेश जारी किया गया है।

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आदेश में कहा गया है कि सरकारी जमीन पर अतिक्रमण और अवैध कब्जा एक गंभीर मामला है और इन्हें हटाना सरकार की प्राथमिकता है। डूसिब को निर्देश दिया गया है कि वह सरकारी जमीनों पर कब्जा करने वालों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करे और डूसिब की खाली जमीन और भवन संपत्ति की स्थिति को नियमित रूप से अपडेट करने के लिए एक आनलाइन मानिटरिंग सिस्टम स्थापित करे।

यह प्रणाली हमें सरकारी भूमि पर होने वाली सभी गतिविधियों पर नज़र रखने और किसी भी अतिक्रमण के मामले में त्वरित कार्रवाई करने में मदद करेगी।इसके साथ ही डूसिब के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे डूसिब की मौजूदा संपत्तियों का थर्ड पार्टी आडिट भी कराएं। आदेश में कहा गया है कि डूसिब का मुख्य उद्देश्य दिल्ली में स्लम और जेजे कालोनियों में रहे लोगों को सरकार की ओर से बेहतर सेवाएं सुनिश्चित करना और उनके लाइफ-स्टाइल में गुणवत्तापूर्ण सुधार लाना है।

उपमुख्यमंत्री सिसादिया का कहना है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में सरकार ने इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को गुणवत्तापूर्ण जीवन और बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने के लिए बोर्ड के माध्यम से कई पहल की हैं। इस दिशा में डूसिब की जमीनों के लिए एक आनलाइन मानिटरिंग स्थापित करना भी एक महत्वपूर्ण कदम है ताकि आम जनता के लिए सरकारी भूमि को भू-माफियाओं के चंगुल से मुक्त किया जा सके।दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड दिल्ली सरकार के नियंत्रण में कार्य करता है और मुख्य रूप से डूसिब अधिनियम, 2010 के दायरे में कार्य कर रहा है। यह अधिनियम डूसिब को कुछ क्षेत्रों को स्लम व जेजे क्लस्टर के रूप में अधिसूचित करने का अधिकार देता है।


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