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Delhi News: केंद्रीय सर्वर पर उपलब्ध होगी सरकारी भूमि की जानकारी, नहीं होगा जमीन घोटाला

Delhi News दिल्ली सरकार ने अब सभी सरकारी भूमि-पंचायत ग्राम सभा खाली या कब्जा में ली गई भूमि का विवरण एक केंद्रीय सर्वर पर लाने का फैसला किया है और इसे एक वेबसाइट पर भी अपलोड किया है। इससे भूमि घोटाला संभव नहीं हो सकेगा।

By Abhishek TiwariEdited By: Published: Sun, 26 Jun 2022 09:16 AM (IST)Updated: Sun, 26 Jun 2022 09:16 AM (IST)
Delhi News: केंद्रीय सर्वर पर उपलब्ध होगी सरकारी भूमि की जानकारी, नहीं होगा जमीन घोटाला
Delhi News: केंद्रीय सर्वर पर उपलब्ध होगी सरकारी भूमि की जानकारी, नहीं होगा जमीन घोटाला

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। सरकारी जमीन को प्राइवेट लोगों के नाम कर देने के मामले सामने आने के बाद दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग ने सभी भूमि अभिलेखों को एक केंद्रीय सर्वर पर लाने और उन्हें आसानी से सुलभ बनाने का निर्णय लिया है। हालांकि भूमि रिकार्ड डिजिटल है और राजस्व विभागों के पास सभी सरकारी भूमि के भू-निर्देशांक भी उपलब्ध हैं, मगर भूमि संबंधी मुद्दों से निपटने के दौरान किसी भी सरकारी अधिकारी के उपयोग के लिए जानकारी आनलाइन उपलब्ध नहीं है।

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सूत्रों ने कहा कि सरकार ने अब सभी सरकारी भूमि-पंचायत, ग्राम सभा, खाली या कब्जा में ली गई भूमि का विवरण एक केंद्रीय सर्वर पर लाने का फैसला किया है और इसे एक वेबसाइट पर भी अपलोड किया है। यह सब-रजिस्ट्रारों को यह निर्धारित करने में मदद करेगा कि रजिस्ट्री के लिए उनके पास जो भूमि आई है, उसकी बिक्री विलेख साफ है और स्वामित्व की एक उचित श्रृंखला है या यह एक सरकारी भूमि जो नहीं है, जो या तो ग्राम सभा भूमि द्वारा हो सकती है या कब्जे की भूमि या पहले से ही एक सरकारी एजेंसी द्वारा अधिग्रहित की जमीन तो नहीं है।

हाल ही में सामने आए उत्तरी दिल्ली में अलीपुर सब डिवीजन के झंगोला गांव में एक भूमि घोटाले में सरकारी अधिकारियों ने कथित तौर पर पिछले सात वर्षों में निजी संस्थाओं के नाम पर 500 करोड़ रुपये से अधिक की खाली भूमि को स्थानांतरित करने की अनुमति दी थी।

राजस्व विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि घोटाला संभव नहीं होता अगर जमीन के रिकार्ड एक माउस के क्लिक पर आनलाइन उपलब्ध होते। भूमि की रजिस्ट्री से पहले सब-रजिस्ट्रारों को भूमि की स्थिति पर विभिन्न कार्यालयों से कुछ एनओसी की आवश्यकता होती है, जिसमें समय लगता है और भ्रष्टाचार की गुंजाइश बढ़ जाती है। यदि जानकारी आनलाइन उपलब्ध है, अब सब-रजिस्ट्रारों को एनओसी के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा और वे अपने कंप्यूटर पर जमीन की स्थिति की जांच कर सकेंगे।

अधिकारियों के अनुसार 1921 में दिल्ली में 314 गांव थे, प्रत्येक जनगणना के साथ संख्या गिरती रही। 2011 की जनगणना के अनुसार दिल्ली में गांवों की संख्या 118 के करीब है। इन गांवों में पंचायत या ग्राम सभा और सरकार के स्वामित्व वाले कई भूखंड हैं। अधिकारियों ने कहा कि शहर भर में फैली हुई संपत्तियों की संख्या भी 700 के करीब है।ये संपत्तियां सीधे भारत सरकार के अधिकार क्षेत्र में आती हैं।


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