Good News: एम्स की तर्ज पर सफदरजंग अस्पताल के सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक में जल्द शुरू हो सकेगा प्राइवेट वार्ड
अस्पताल में आठ मंजिला सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक के साथ प्राइवेट वार्ड भी बना। जून 2018 में इस सुपर स्पेशियलिटी का शुभारंभ हुआ। 807 बेड की क्षमता वाले इस सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक में 555 बेड सामान्य वार्ड के हैं। हार्ट कमांड सेंटर में 24 बेड की व्यवस्था है।
नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। एम्स की तर्ज पर सफदरजंग अस्पताल के सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक में करोड़ों की लागत से बने प्राइवेट वार्ड को शुरू करने की मांग जोर पकड़ती जा रही है। वार्ड के शुरू होने से इलाज का खर्च उठाने में सक्षम मरीजों को बहुत ही किफायती शुल्क पर अत्याधुनिक व आरामदायक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा सकती है। करीब चार सालों से तैयार यह प्राइवेट वार्ड इन दिनों खाली पड़ा है। अस्पताल के डाक्टर और लोग इसे जल्द शुरू करने की मांग कर रहे हैं।
दरअसल, सफदरजंग अस्पताल में पहले प्राइवेट वार्ड नहीं था। इसके चलते अस्पताल में आठ मंजिला सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक के साथ प्राइवेट वार्ड भी बना। जून 2018 में इस सुपर स्पेशियलिटी का शुभारंभ हुआ। 807 बेड की क्षमता वाले इस सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक में 555 बेड सामान्य वार्ड के हैं। हार्ट कमांड सेंटर में 24 बेड की व्यवस्था है, ताकि हार्ट अटैक के मरीजों को आपात स्थिति में जल्द इलाज हो सके। इसके अलावा प्राइवेट वार्ड में 228 बेड है, जिसमें 22 आइसीयू बेड शामिल है। इस प्राइवेट वार्ड में छह आपरेशन थियेटर की सुविधा है।
यह देश के किसी भी सरकारी अस्पताल में अब तक का सबसे बड़ा प्राइवेट वार्ड हैं। वैसे एम्स के प्राइवेट वार्ड में 288 बेड हैं, लेकिन सभी बेड छह अलग-अलग ब्लाक में है, जबकि सफदरजंग अस्पताल के प्राइवेट वार्ड में एक छत के नीचे सभी बेड मौजूद है। इसमें किडनी, फेफड़े, न्यूरो इत्यादि की गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों को भर्ती करने का इस्तेमाल हो सकेगा। सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक के शुरू होने पर शुरुआती दो साल यह प्राइवेट वार्ड बंद रहा। वर्ष 2020 में कोरोना का संक्रमण शुरू होने पर कोविड वार्ड के रूप में इसका इस्तेमाल किया गया है। इसलिए दो साल कोरोना के इलाज में इसका इस्तेमाल हुआ।
अब सफदरजंग अस्पताल में कोरोना के सिर्फ चार मरीज भर्ती हैं। कोरोना के इलाज के लिए सफदरजंग अस्पताल में अलग से 44 बेड का मेकशिफ्ट अस्पताल बनाया गया है। इस वजह से अभी कोरोना के इलाज में भी इस प्राइवेट वार्ड की जरूरत नहीं है। अस्पताल के एक वरिष्ठ डाक्टर ने बताया कि सीजीएचएस (केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना) के मरीजों को कई निजी अस्पताल जल्दी भर्ती नहीं लेते। इस वजह से उन्हें इलाज में परेशानी का सामना करना पड़ता है।
इसके अलावा अलावा निजी अस्पतालों में इलाज बहुत महंगा है। यदि सफदरजंग अस्पताल में तैयार प्राइवेट वार्ड शुरू हो तो जरूरतमंद मरीजों को बहुत ही किफायती शुल्क में निजी अस्पतालों की तरह आरामदायक सुविधा मिल सकती है। सफदरजंग अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. एसवी आर्या इस मामले पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने व्हाटसएप पर भेजे गए मैसेज का भी जवाब नहीं दिया।