Move to Jagran APP

Good News: दिल्ली में टोल नाकों से प्रवेश करने वाले लाखों वाहन चालकों को RFID टैग लेने से जल्द मिलेगी राहत, जानिए अन्य डिटेल

प्रदूषण को कम करने के लिए निगम ने आरएफआइडी टैग की व्यवस्था शुरू की थी वहीं दक्षिण भारत या उत्तर-पूर्वी राज्यों से आने वाले व्यावसायिक वाहन चालकों को इससे काफी दिक्कत होती थी क्योंकि वह बहुत कम ही दिल्ली आते थे।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Mon, 06 Sep 2021 03:07 PM (IST)Updated: Mon, 06 Sep 2021 03:07 PM (IST)
विभाग इसको लेकर तमाम तकनीकी पहलुओं पर काम कर रहा है।

नई दिल्ली [निहाल सिंह]। राजधानी दिल्ली के 124 टोल नाकों से प्रवेश करने वाले व्यावसायिक वाहन चालकों को अलग-अलग नगर निगमों के रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन डिवाइस (आरएफआइडी) टैग लेने की परेशानी से जल्द राहत मिलने वाली है। दक्षिणी निगम अपने सभी टोल नाकों को फास्टैग से जोड़ने की तैयारी कर रहा है। इसके बाद न तो दक्षिणी निगम का अलग से टैग लेना होगा और न ही बार-बार रिचार्ज कराने का झंझट होगा। हालांकि विभाग इसको लेकर तमाम तकनीकी पहलुओं पर काम कर रहा है।

loksabha election banner

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) से इसको लेकर बातचीत चल रही है। दरअसल, एक सितंबर से राजधानी में प्रवेश के लिए 124 टोल नाकों पर निगम ने आरएफआइडी से प्रवेश अनिवार्य कर दिया है। इसके बाद भी बिना टैग के कोई व्यावसायिक वाहन प्रवेश करता है तो चालक पर 500 रुपये का जुर्माना लगाने के साथ उसका परमिट रद करने की भी सिफारिश दिल्ली परिवहन विभाग से की जा रही है। दक्षिणी दिल्ली के महापौर मुकेश सुर्यान ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में टोल टैक्स विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वह निगम के टोल नाकों पर फास्टैग को भी स्वीकार करें। हालांकि अभी इस प्रक्रिया में थोड़ा समय लगेगा, लेकिन तब तक निगम अपने आरएफआइडी टैग से टोल टैक्स वसूल करेगा।

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2018 में निगम ने 13 प्रमुख टोल नाकों पर आरएफआइडी तकनीक स्थापित की थी। तब से व्यावसायिक वाहनों से आरएफआइडी टैग के जरिये टोल टैक्स वसूलने की कोशिश हो रही है। इसके लिए निगम ने छह लाख व्यावसायिक वाहनों को टैग भी दिए हैं, लेकिन देखने में आ रहा है कि वाहन चालक इन टैग को रिचार्ज नहीं करा रहे है। इसकी वजह से टोल नाकों पर टोल टैक्स की नकद वसूली होती है। वाहनों के चालू रहने और नकद टोल देने की वजह से वाहनों का ईधन जलने से प्रदूषण होता है।

इसी प्रदूषण को कम करने के लिए निगम ने आरएफआइडी टैग की व्यवस्था शुरू की थी, वहीं दक्षिण भारत या उत्तर-पूर्वी राज्यों से आने वाले व्यावसायिक वाहन चालकों को इससे काफी दिक्कत होती थी, क्योंकि वह बहुत कम ही दिल्ली आते थे। ऐसी स्थिति में उन्हें टैग लेने की प्रक्रिया को पूरा करने में एक दिन लग जाता था। जब फास्टैग से निगम टोल का शुल्क अदा हो जाएगा तो ऐसे व्यावसायिक वाहन चालकों की परेशानी खत्म हो जाएगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.