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Delhi Liquor Discount: दिल्ली-NCR के शराब के शौकीनों के लिए गुड न्यूज, फिर मची छूट देने की होड़

Delhi Liquor Discount खुदरा विक्रेता कंपनियों को अब 150 रुपये की आयात की गई शराब की बोतल मात्र 682 रुपये में मिल रही है। अब यह उसके ऊपर है कि 1700 रुपये एमआरपी वाली शराब की बोतल वह 682 रुपये से 1700 रुपये के बीच कितने भी मूल्य पर बेचे।

By Jp YadavEdited By: Published: Thu, 28 Apr 2022 07:03 AM (IST)Updated: Thu, 28 Apr 2022 08:39 AM (IST)
Delhi Liquor Discount: दिल्ली-NCR के शराब के शौकीनों के लिए गुड न्यूज, फिर मची छूट देने की होड़
Delhi Liquor Discount: दिल्ली-NCR के शराब के शौकीनों के लिए गुड न्यूज, फिर मची छूट देने की होड़

नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। राजधानी दिल्ली में शराब की बिक्री पर मिल रही छूट इन दिनों में दिल्ली ही नहीं, पूरे देश में चर्चा का विषय बनी हुई है। चर्चा शराब पर भारी छूट मिलने की तो है ही, लोगों के जेहन में ये सवाल भी उठ रहे हैं कि आखिर इतनी छूट देने के बाद भी विक्रेता लाभ में कैसे हैं?

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यह प्रश्न इसलिए भी खड़ा हो रहा है कि एक ओर जहां कुछ समय पहले तक शराब की बिक्री पर 50 प्रतिशत तक छूट दी जा रही थी, वहीं कई शराब विक्रेता कारोबार में हो रहे नुकसान का हवाला देते हुए दिल्ली सरकार से राहत की मांग भी कर रहे थे। जानकारों की मानें तो दिल्ली में अब जो जितनी अधिक ब्रिकी कर सकेगा, उतना ही उसे लाभ होगा। ऐसे में अधिक छूट देने की होड़ मची हुई है, जिसका फायदा दिल्ली सरकार और लोगों को मिल रहा है।

दिल्ली में अभी शराब पर 25 प्रतिशत तक छूट मिल रही है, लेकिन विगत फरवरी माह तक यह छूट 50 प्रतिशत तक थी। इस भारी छूट पर सवाल उठने लगे तो दिल्ली सरकार ने इस पर रोक लगा दी, लेकिन कुछ समय बाद सरकार ने 25 प्रतिशत तक छूट के साथ शराब बेचने की अनुमति दे दी। इसके बाद से दिल्ली ही नहीं, नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुरुग्राम समेत एनसीआर के अन्य शहरों के लोग भी शराब की इस छूट का फायदा उठाने के लिए आ रहे हैं।

दरअसल, दिल्ली सरकार ने नई शराब नीति के तहत वर्ष 2021-22 में राजधानी दिल्ली में शराब बिक्री का काम पूरी तरह निजी हाथों में दे दिया। इसके लिए उसने शराब की खुदरा विक्रेता कंपनियों से शराब की बिक्री से पूर्व ही लाइसेंस शुल्क के रूप में करीब 300 करोड़ रुपये ले लिए।

सरकार ने शराब के सभी ब्रांडों का अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) तय कर दिया, जो पिछले साल के मूल्य के करीब-करीब बराबर ही था। साथ ही विक्रेताओं को यह अनुमति दे दी गई कि वे एमआरपी से नीचे किसी भी दाम पर शराब बेच सकते हैं। यहीं से शराब में छूट देने का खेल शुरू हुआ।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ

कनफेडरेशन आफ इंडियन अल्कोहलिक बेवरेज कंपनीज के महासचिव विनोद गिरि कहते हैं कि शराब विक्रेता ठेका लेते समय एकमुश्त भारी भरकम राशि सरकार को दे चुका है। रिजर्व प्राइस से 70-80 करोड़ अधिक की बोली पर टेंडर छूटे हैं। अब वह जितनी अधिक ब्रिकी कर सकेगा, उतना ही उसे लाभ होगा, इसीलिए अधिक छूट देने की होड़ मची हुई है।


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