बच्चों के मास्क के लिए परेशान पैरंट्स के लिए खुशखबरी, तैयार किए गए विशेष प्रकार के मास्क, आप भी जानिए खासियतें
कोरोना में सबसे अधिक बच्चों को बचाने की जरूरत है। बच्चों की लापरवाही और जल्द रोगों की चपेट में आने के चलते इनमें संक्रमण का खतरा अधिक रहता है। अभिभावकों की चिंता को काफी हद तक एक मास्क के जरिये दूर किया जा सकता है।
नई दिल्ली/नोएडा, [कुंदन तिवारी]। कोरोना में सबसे अधिक बच्चों को बचाने की जरूरत है। बच्चों की लापरवाही और जल्द रोगों की चपेट में आने के चलते इनमें संक्रमण का खतरा अधिक रहता है। अभिभावकों की चिंता को काफी हद तक एक मास्क के जरिये दूर किया जा सकता है। विशेष प्रकार के कपड़े (रिपेलेंट) और फिल्टर का प्रयोग कर बनाए गया। यह मास्क बच्चों को पसंद भी आएगा, क्योंकि इसके ऊपर कार्टून और खिलौनों के प्रिंट हैं।
आठ बार किया जा सकेगा प्रयोग
इस मास्क को अधिकतम प्रयोग आठ बार धोकर किया जा सकता है। इस मास्क को पहनने के लिए लगाई गई डोरी भी अलग तरह की है। यह बच्चे के कानों पर दबाव नहीं बनाएगी और इसे छोटा या बड़ा किया जा सकता है। इसे कपड़े की तरह मरोड़ने पर भी फिल्टर और कपड़ा खराब नहीं होता है। डब्ल्यूएचओ की गाइड लाइंस और अंतरराष्ट्रीय मानक निर्धारित करने वाली संस्था इंटराटेक के सभी मानकों को पूरा करते हुए इन मास्क का निर्माण नोएडा में किया जा रहा है।
बच्चों के लिए क्यों जरूरी है मास्क
बच्चे लंबे समय तक मास्क नहीं लगा सकते है। बड़ों की तरह शारीरिक दूरी का पालन नहीं कर सकते हंै। बच्चे स्कूल में तमाम बच्चों के साथ पढ़ते है, भीड़ या समूह में खेलना पसंद करते है। वहीं परिवार के तमाम सदस्यों के पास पहुंच कर लिपटकर बात करना या अपने प्यार का इजहार करना पसंद होता है। तमाम लोगों के पास आने-जाने के समय बचाव का सबसे सटीक हथियार मास्क है।
बच्चों का मास्क क्यों अलग
अभी तक बाजार में जितने भी तरह के मास्क मौजूद हैं, वह सभी बड़ों को ध्यान में रखकर बनाए जा रहे हैं। इसमें साधारण कपड़े का थ्री लेयर मास्क, मेडिकल सर्जिकल मास्क, एन 95 मास्क शामिल है, लेकिन ये मास्क बच्चों के लिए नहीं हैं और न ही उनके चेहरे पर फिट हो सकता है। संवेदनशील स्किन के चलते मास्क लगाते ही बच्चों के कान पर उलझन होने लगती है और मास्क उतार देते हैं। इसलिए बच्चों की स्किन के लिए जो सहायक हो, उस प्रकार का मेडिकल अप्रूव्ड मास्क होना चाहिए।
विशेष मास्क की विशेषता
-5 से 10 व 11 से 17 आयु वर्ग के लिए मास्क तैयार किया गया
- साफ्ट निटेड रिपेलेंट फैब्रिक से मास्क को तैयार किया गया, जो वायरस को बाहर की ओर फेंकता है
- डब्ल्यूएएचओ की गाइड लाइंस पर एन 95 मास्क की तर्ज पर तैयार हुआ-अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा कर इंटराटेक संस्था से निर्यात की अनुमति मिली
- मास्क पहनने पर त्वचा पर चुभन नहीं होती, डोरी के जरिये मुंह पर एडजेस्ट किया जा सकता
- मास्क को इस प्रकार से तैयार किया गया है, बच्चों को लगे कि यह उनके लिए बनाया गया
विशेष मास्क की पहचान
- आनलाइन कंपनी की ओर से 150 रुपये की कीमत पर दो पीस बेचा जा रहा -हाथ से छूते ही आभास हो जाएगा कि यह स्ट्रेचबल कपड़े से बना है
- हाथ से मास्क को रगड़ने पर अंदर फिल्टर लगा होने का एहसास होगा-मास्क पर क्रिकेट, फुटबाल, टेबल टेनिस, रैकेट, जहाज, कार्टून का प्रिंट बना होगा
मास्क का आर्डर
पिछले वर्ष कोरोना में यूएस से 25 हजार और कनाडा से 15 हजार बच्चों के मास्क तैयार करने आर्डर मिला था। सप्लाई के बाद बच्चों के मास्क आनलाइन बाजार में उतार दिए गए। -निखिल ठुकराल, निदेशक, महाराना आफ इंडिया
डॉक्टर की बात
इस प्रकार का मास्क बच्चों को संक्रमण से बचाने में सहायक होगा। संक्रमण काल में सुरक्षा की ²ष्टि से यह सराहनीय कार्य है। -डॉ, संतराम वर्मा, वरिष्ठ फिजिशियन, नोएडा