Rapid Rail: दिल्ली- UP के बीच रफ्तार भरने वाली रैपिड रेल देश को देगी बचत का संदेश, लोगों का होगा फायदा
एनसीआर परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) ने इसके लिए कारिडोर के हर स्टेशन और प्लेटफार्म पर सोलर पैनल लगाने का निर्णय लिया है। देश के इस पहले रैपिड रेल कारिडोर को प्रत्येक स्तर पर पर्यावरण अनुकूल बनाने का प्रयास चल रहा है।
नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। दमघोंटू हवा में सांस ले रहे दिल्ली-एनसीआर के लोगों को आरआरटीएस (रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम) राहत की सांस देगा। दिल्ली-मेरठ कारिडोर पर रैपिड रेल के परिचालन में 40 फीसद तक सौर ऊर्जा का इस्तेमाल किया जाएगा। एनसीआर परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) ने इसके लिए कारिडोर के हर स्टेशन और प्लेटफार्म पर सोलर पैनल लगाने का निर्णय लिया है। देश के इस पहले रैपिड रेल कारिडोर को प्रत्येक स्तर पर पर्यावरण अनुकूल बनाने का प्रयास चल रहा है। 82 किलोमीटर लंबा यह कारिडोर दिल्ली के सराय काले खां से शुरू होगा और उत्तर प्रदेश के मोदीपुरम (मेरठ) में समाप्त होगा।
इस पर कुल 22 स्टेशन होंगे। रास्ते में यह यमुना नदी, हिंडन नदी, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे (ईपीई) को पार करेगा और दिल्ली, गाजियाबाद एवं मेरठ की घनी आबादी से गुजरेगा। साहिबाबाद एवं दुहाई के बीच 17 किलोमीटर लंबे प्राथमिकता वाले खंड पर सिविल निर्माण कार्य जोरों पर है।
कारिडोर का यह हिस्सा 2023 तक चालू हो जाएगा, जबकि पूरे कारिडोर पर परिचालन 2025 से शुरू होगा। एनसीआर परिवहन निगम ने अब इस कारिडोर पर नवीकरणीय ऊर्जा के इस्तेमाल की योजना बनाई है। साथ ही ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन और जलवायु परिवर्तन के तमाम प्रभावों को कम करने के लिए सौर ऊर्जा को निरंतर उपयोग में लाया जाएगा।
इसमें कुल ऊर्जा की आवश्यकता का 40 फीसद भाग सौर ऊर्जा से ही प्राप्त होगा। इसके लिए आरआरटीएस के सभी स्टेशनों, डिपो और भवनों की छतों पर लगभग 10 मेगावाट तक की सौर ऊर्जा उत्पन्न की जाएगी। साथ ही सौर ऊर्जा को अन्य स्थानों पर उत्पन्न करके उसे आरआरटीएस नेटवर्क में इस्तेमाल करने के लिए किसी सौर उत्पादक एजेंसी से भी अनुबंध किया जाएगा।
30 फीसद विद्युत ऊर्जा की होगी बचत
एनसीआरटीसी अधिकारियों के मुताबिक रैपिड रेल बिजली से चलेगी और यातायात का ग्रीन साधन होगी। यह रेल अत्याधुनिक रिजनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम से युक्त होगी, जो विद्युत ऊर्जा की 30 फीसद बचत करेगी। यह सिस्टम ट्रेन में ब्रेक लगने के समय विद्युत ऊर्जा उत्पन्न करता है। ऐसे में ट्रेन के पहिये, ब्रेक पैड और ट्रेन (रोलिंग स्टाक) के पुर्जे आदि भी कम खराब होते हैं।
पर्यावरण संरक्षण में होगी मददगार
दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस कारिडोर से एनसीआर क्षेत्र में सार्वजनिक परिवहन का उपयोग 37 से 63 फीसद तक बढ़ने का अनुमान है। इससे साल भर में ही दिल्ली-एनसीआर की सड़कों से लगभग एक लाख वाहन कम हो जाएंगे।
पूर्णतया पर्यावरण अनुकूल
रैपिड रेल का परिचालन पूर्णतया पर्यावरण अनुकूल होगा। सौर ऊर्जा का इस्तेमाल भी बड़े पैमाने पर किया जाएगा। यह ट्रेन निश्चित तौर पर दिल्ली-एनसीआर के सार्वजनिक परिवहन का चेहरा बदलेगी।
पुनीत वत्स, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, एनसीआरटीसी