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RTR Flyover: दिल्ली-UP व हरियाणा के लाखों लोगों को तोहफा, आसान हुआ एयरपोर्ट का सफर

फ्लाईओवर के जरिये वाहन चालक बाहरी रिंग रोड से आइजीआइ एयरपोर्ट तक आसानी से जा सकेंगे। इससे जाहिर है उत्तर प्रदेश और हरियाणा के लाखों लोगों को भी लाभ मिलेगा।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 16 Jul 2019 11:56 AM (IST)Updated: Tue, 16 Jul 2019 05:00 PM (IST)
RTR  Flyover: दिल्ली-UP व हरियाणा के लाखों लोगों को तोहफा, आसान हुआ एयरपोर्ट का सफर
RTR Flyover: दिल्ली-UP व हरियाणा के लाखों लोगों को तोहफा, आसान हुआ एयरपोर्ट का सफर

नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली के साथ हरियाणा और पश्चिमी यूपी के लोगों को आम आदमी पार्टी (AAM AADMI PARTY) सरकार ने बड़ी सौगात दी है। दरअसल, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार सुबह पौने तीन किलोमीटर लंबे राव तुलाराम (Rao TulaRam) फ्लाईओवर का उद्घाटन किया और इसके शुरू होते ही खासतौर से इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक का सफर बेहद आसान हो गया है। मंगलवार सुबह सीएम अरविंद केजरीवाल ने साथी मंत्री सत्येंद्र जैन के साथ इस फ्लाईओवर का उद्घाटन किया। इसके शुरू होने के साथ जहां लोगों को जाम से छुटकारा मिलेगा. वहीं दिल्ली एयरपोर्ट पर लोगों के फ्लाइट भी मिस नहीं होगी।

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यह होगा लाभ

  • फ्लाईओवर के जरिये वाहन चालक बाहरी रिंग रोड से आइजीआइ एयरपोर्ट तक आसानी से जा सकेंगे। इससे जाहिर है यूपी और हरियाणा के लोगों लाखों लोगों को भी लाभ मिलेगा।
  • यह फ्लाईओवर 2.85 किलोमीटर लंबा है, जिसे मुनिरका फ्लाईओवर से जोड़ दिया गया है और यह एयरपोर्ट फ्लाईओवर के पास नीचे उतरेगा। 
  • इसके शुरू होने के बाद आइआइटी से एयरपोर्ट जाने में औसतन पांच मिनट कम समय लगेगा और धौला कुआं जंक्शन पर वाहनों का लोड भी कम हो जाएगा।
  • दिल्ली सरकार ने दावा किया है कि इस कॉरिडोर पर वाहनों का परिचालन सुगम हो जाने से प्रतिदिन 13,200 लीटर डीजल की बचत होगी जिसका सीधा असर दिल्ली के पर्यावरण पर पड़ेगा।
  •  पीडब्ल्यूडी के अनुसार, फ्लाईओवर के शुरू हो जाने से कार्बन क्रेडिट के रूप में प्रतिवर्ष 75.74 करोड रुपये बचेंगे।

जानें फ्लाईओवर के बारे में

  • इसके निर्माण पर दो सौ करोड़ रुपये की लागत आई है।
  • इस फ्लाईओवर को हिंदुस्‍तान कंस्ट्रक्शन कंपनी ने तैयार किया है।
  • इसमें 185 करोड़ फ्लाईओवर के निर्माण और करीब 15 करोड़ सर्विसेज हटाने पर खर्च हुए हैं। 
  • फ्लाईओवर निर्माण से जुड़े पहलुओं की बात करें तो इसमें 502 पाइल, 104 पाइल कैप, 35 ओपन फाउंडेशन, 77 डैक स्लेब और 167 स्ट्रक्चरल स्टील गर्डर का इस्तेमाल किया गया है।

मंदिर के कारण हो रहा था विरोध

आरटीआर फ्लाईओवर की लालबत्ती पर 2009-10 में डबल फ्लाईओवर का निर्माण किया जाना था, लेकिन लालबत्ती से कुछ दूर पहाड़ी पर स्थित एक मंदिर के कारण योजना में बदलाव किया गया। मंदिर के संचालक इस लालबत्ती पर डबल फ्लाईओवर बनाने का विरोध कर रहे थे। इससे उस समय सिंगल फ्लाईओवर ही बनाया गया।

छूटने लगी थी लोगों की फ्लाइट

सिंगल फ्लाईओवर के कारण लालबत्ती पर जाम की समस्या और बढ़ गई, क्योंकि बाहरी रिंग रोड पर मुनिरका की ओर से सिग्नल फ्री आने वाला यातायात यहां रुक रहा था। इस फ्लाईओवर को एयरपोर्ट की ओर से मुनिरका की ओर जाने वाले यातायात के लिए निर्धारित किया गया था। यहां पर लगने वाले जाम से जब एयरपोर्ट जाने वालों की फ्लाइट छूटने लगीं तो इसे मुनिरका की ओर से एयरपोर्ट जाने के लिए निर्धारित किया गया।

2013 में मिली मंजूरी

इससे एयरपोर्ट जाने वालों को तो राहत मिली, लेकिन एयरपोर्ट मुनिरका की ओर जाने वाले लोग भयंकर जाम में फंसने लगे। इसके बाद सिंगल फ्लाईओवर पर बीच में बैरिकेड लगाकर दोनों ओर का यातायात खोला गया। इसके साथ ही दिल्ली सरकार ने एयरपोर्ट जाने वालों के लिए साढ़े सात सौ मीटर की जगह 2.85 किलोमीटर लंबाई वाले सिंगल लेन फ्लाईओवर को बनाने की योजना बनाई। इस योजना को दिल्ली कैबिनेट से वर्ष 2013 में मंजूरी मिली और 2014 में काम शुरू हुआ। निर्माण कार्य दो साल में पूरा किया जाना था, लेकिन योजना के बीच में आ रहे हरे पेड़ों को काटने में देर से अनुमित मिली। जब काम शुरू हुआ तो कंपनी ने भी लेटलतीफी की। उसने काम बहुत धीमी गति से किया। बार-बार चेतावनी के बाद भी कंपनी ने अपना रवैया नहीं बदला तो लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने कंपनी पर 27 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया।

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