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कोरोना टेस्ट की सस्ती किट हुई विकसित, दिल्ली आइआइटी को मिली बड़ी उपलब्धि

कोरोना के खिलाफ जंग में दिल्‍ली आइआइटी को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। आइआइटी दिल्ली के शोधकर्ताओं ने कोरोना वायरस का पता लगाने के लिए परीक्षण किट विकसित की है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Sun, 22 Mar 2020 11:35 PM (IST)Updated: Mon, 23 Mar 2020 06:57 AM (IST)
कोरोना टेस्ट की सस्ती किट हुई विकसित, दिल्ली आइआइटी को मिली बड़ी उपलब्धि
कोरोना टेस्ट की सस्ती किट हुई विकसित, दिल्ली आइआइटी को मिली बड़ी उपलब्धि

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) दिल्ली के शोधकर्ताओं ने कोरोना वायरस (कोविड-19) का पता लगाने के लिए परीक्षण किट विकसित की है। इससे कोरोना वायरस की जांच में आने वाला खर्च बहुत कम हो सकता है।

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आइआइटी के निदेशक ने दी जानकारी

आइआइटी के कुसुमा स्कूल ऑफ बायोलॉजिकल साइंसेज में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआइवी) पुणे के नमूनों पर इस किट का परीक्षण किया गया है। आइआइटी के निदेशक वी. रामगोपाल राव ने ट्विटर पर इस बाबत जानकारी साझा की है और अपनी शोधकर्ता टीम को बधाई दी है।

संक्रमण के बढ़ते खतरे के कारण स्‍वदेशी किट का विकास

शोधकर्ताओं की टीम का नेतृत्व कर रहे प्रोफेसर विवेकानंद पेरूमल के अनुसार, तेजी से बढ़ रही महामारी को देखते हुए स्वदेशी किट का विकास समय की आवश्यकता है। केंद्र सरकार सिफारिश कर चुकी है कि निजी प्रयोगशालाओं द्वारा कोरोना संक्रमण के परीक्षण के लिए शुल्क 4,500 रुपये से अधिक नहीं होना चाहिए। निजी प्रयोगशालाओं में कोरोना संक्रमण परीक्षण के लिए इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार नेशनल एक्रेडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लेबारेट्रीज (एनएबीएल) मान्यता प्राप्त सभी निजी प्रयोगशालाओं को कोरोना के परीक्षण करने की अनुमति होगी।

आकांक्षा ने कोरोना मरीज को ठीक किया

इधर, लोग कोरोना का नाम सुनते ही घबराने लगते हैं। वहीं एमएमजी जिला अस्पताल की स्टाफ नर्स आकांक्षा त्रिपाठी इस खतरनाक वायरस से खुद को बचाते हुए उन मरीजों की देखभाल कर रही हैं जो कोरोना पॉजिटिव हैं। आकांक्षा की देखभाल से एक कोरोना पॉजिटिव मरीज ठीक होकर घर पहुंच चुका है। आकांक्षा देखभाल के साथ कोरोना संक्रमित मरीज का आत्मबल बढ़ाने का कार्य भी करती हैं, जिससे संक्रमण का डर उनके दिल से बाहर निकल जाता है।

राजनगर एक्सटेंशन के कारोबारी के बेटे की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर उन्हें 12 मार्च को एमएमजी जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया था। पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (पीपीई) किट से लैस होकर जब आकांक्षा युवक की देखभाल करने वार्ड में पहुंचीं तो वे चिकित्सक हतप्रभ रह गए, जो उसमें घुसने से डर रहे थे। आकांक्षा ने आते ही मरीज का बुखार जांच किया।

ब्लड प्रेशर की जांच की और शुगर के लिए सैंपल भी लिया। आकांक्षा ने बताया कि उन्हें ऐसा लगा ही नहीं कि वे किसी कोरोना पॉजिटिव का उपचार करने आई हैं। सामान्य मरीज की तरह सावधानी बरतते हुए उक्त मरीज की देखभाल की। इसका असर हुआ कि पॉजिटिव मरीज की दो रिपोर्ट नेगेटिव आईं और उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। कारोबारी के बेटे ने भी बताया कि ऐसी सेवा तो कभी घर पर भी नहीं होती है। अब जब कोई पॉजिटिव मरीज वार्ड में नहीं है, तो उनकी ड्यूटी कोरोना संदिग्धों की देखभाल के लिए लगा दी गई है।

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