कोरोना के खिलाफ जंग में अच्छी पहल: अस्पताल के बाद झुग्गियों में जाकर भूखों का पेट भर रहे डॉक्टर
स्वयंसेवी संगठन ने लोगों के साथ मिलकर जरूरतमंदों तक भोजन और राशन पहुंचाने का संकल्प लिया है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। लॉकडाउन का पालन करने के लिए अलग-अलग जगहों पर रुके लोगों को अब भूखा नहीं सोना पड़ेगा। स्वयंसेवी संगठन ने लोगों के साथ मिलकर जरूरतमंदों तक भोजन और राशन पहुंचाने का संकल्प लिया है। खास बात यह है कि जरूरतमंदों लोगों के घर व झुग्गी में खुद जाकर स्वयंसेवी संगठन मदद का हाथ बढ़ा रहा है। जो लोग घर में खाना पका पाने में सक्षम है उन्हें अनाज मुहैया कराया जा रहा है, वहीं जिनके पास गैस व अन्य सामान का बंदोबस्त नहीं है उन्हें भोजन दिया जा रहा है। जरूरतमंदों को स्वयंसेवी संगठन की ओर से आश्वस्त किया गया है कि लॉकडाउन तक वे उनके खाने का बंदोबस्त करेंगे।
राज्यों में मदद के लिए गठित हुई टीम
सरकारी अस्पताल के चिकित्सकों, प्रशासनिक अधिकारियों, स्वयंसेवी संगठनों व स्थानीय लोगों ने मिलकर उत्तर भारत के राज्यों में मदद के लिए एक टीम गठित की है, जो आपदा की इस घड़ी में मजदूरों का पेट भरने की दिशा में प्रयासरत है। सोनीपत, नैनीताल, पटना, हरियाणा, उत्तरप्रदेश व महाराष्ट्र के छोटे-छोटे गांवों में टीम के सदस्य कार्यरत है।
कॉलोनी में मजदूर को दिया जा रहा भोजन
पश्चिमी दिल्ली की बात करें तो ये टीम उत्तम नगर, नवादा, द्वारका मोड़ की विभिन्न कॉलोनी में एक-एक मजदूर को ढूंढ-ढूंढकर उन्हें राशन व भोजन उपलब्ध करा रही है। अस्पताल में ड्यूटी का निर्वाह करने के बाद चिकित्सकों की ये टीम कॉलोनियों में जाकर मदद के लिए हाथ बढ़ा रही है, ताकि कोई भी भूखा न सोए। तमाम जिम्मेदारियों के बीच प्रशासनिक अधिकारी इस अतिरिक्त जिम्मेदारी को बखूबी पूरा कर रहे है।
जानकारी के लिए डाली जाती है मैसेज
सोशल मीडिया पर उत्तर भारत राज्य की मदद के लिए बनी इस टीम ने एक ग्रुप गठित किया है कोविड-19, जिस पर योजना के कार्यक्रमों की जानकारी डाली जाती है और अगले दिन के लक्ष्य निर्धारित कर उन्हें पूरा किया जाता है।