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सीबीएसई ने 12वीं बोर्ड मूल्यांकन के लिए दिल्ली सरकार के सुझाव को ध्यान में रखा: सिसोदिया

2021-22 सत्र में मूल्यांकन के लिए एक समान या बेहतर मानदंड अपनाने की आवश्यकता पर बात करते हुए श्री सिसोदिया ने कहा कोरोना के विपरीत परिस्थितियों में भी हमने इस वर्ष की बोर्ड परीक्षाओं के लिए एक विस्तृत मूल्यांकन मानदंड बनाया है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Fri, 18 Jun 2021 06:45 AM (IST)Updated: Fri, 18 Jun 2021 08:11 AM (IST)
सीबीएसई ने 12वीं बोर्ड मूल्यांकन के लिए दिल्ली सरकार के सुझाव को ध्यान में रखा: सिसोदिया
कोर्ट के हस्तक्षेप का इंतजार करने के बजाय बहुत पहले बोर्ड परीक्षाओं को रद करने पर विचार करना चाहिए था।

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। 17 जून को, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और भारतीय स्कूल प्रमाणपत्र परीक्षा परिषद ने सीबीएसई बोर्ड 2021 के लिए मूल्यांकन फॉर्मूला जारी किया और इसे सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत किया। इस फॉर्मूला के तहत 10वीं , 11वीं और 12वीं कक्षा में विद्यार्थियों द्वारा किए गए प्रदर्शन के आधार पर उनका 12वीं बोर्ड का रिजल्ट तैयार किया जाएगा।

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छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए परीक्षा रद करने का निर्णय स्वागत योग्य

12वीं के छात्रों के मूल्यांकन के लिए जारी किए गए फॉर्मूले पर बोलते हुए, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, “12वीं के 1.5 करोड़ छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बोर्ड परीक्षा रद करने का निर्णय स्वागत योग्य था। 10वीं, 11वीं और 12वीं कक्षा में छात्रों के प्रदर्शन को देखते हुए हमने बोर्ड को जो सुझाव दिए थे, उन्हें सीबीएसई बोर्ड द्वारा ध्यान में रखा गया और लागू किया गया तथा माननीय सर्वोच्च न्यायालय को प्रस्तुत किया गया।

कोर्ट के हस्तक्षेप से पहले ही करना चाहिए था रद करने का विचार

सिसोदिया ने कहा कि केंद्र को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप का इंतजार करने के बजाय बहुत पहले बोर्ड परीक्षाओं को रद करने पर विचार करना चाहिए था। यह दुर्भाग्यपूर्ण था कि बोर्ड परीक्षाओं को कैंसिल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट को हस्तक्षेप और राज्य सरकारों को विरोध करना पड़ा। यदि केंद्र सरकार ने मानवीय दृष्टिकोण अपनाया होता और हमारे छात्रों की दलील सुनी होती तो सुप्रीम कोर्ट को हस्तक्षेप करने की ज़रूरत नहीं होती। फिर भी, मुझे खुशी है कि यह निर्णय अंततः हमारे छात्रों के हित में लिया गया।”

अफरातफरी से बचने के लिए बने मानदंड

2021-22 सत्र में मूल्यांकन के लिए एक समान या बेहतर मानदंड अपनाने की आवश्यकता पर बात करते हुए, श्री सिसोदिया ने कहा, "कोरोना के विपरीत परिस्थितियों में भी हमने इस वर्ष की बोर्ड परीक्षाओं के लिए एक विस्तृत मूल्यांकन मानदंड बनाया है। हमें अभी से 2021-22 सत्र में बोर्ड की कक्षाओं के लिए भी एक मानदंड विकसित करने पर विचार करने की ज़रूरत है। ताकि इस साल जो अफरातफरी हुई उससे बचा जा सके। अगर स्कूलों को आंशिक रूप से खोलना है तो मूल्यांकन और प्रोजेक्ट्स के संचालन के तौर-तरीके के साथ ही हमें ऑनलाइन परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए एक योजना विकसित करना शुरू कर देना चाहिए। हमें महामारी की वास्तविकता को स्वीकार करना होगा और यह समझना होगा कि यह लंबे समय तक बनी रह सकती है। इसलिए हमें अपने छात्रों के बेहतर हित के लिए सोच-समझकर फैसले लेने होंगे।

जुलाई के अंत तक जारी हो मार्कशीट

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि, “सीबीएसई द्वारा जुलाई के अंत तक 12वीं की मार्कशीट जारी कर दी जाए ताकि विद्यार्थियों को कॉलेजों में दाखिला लेने में दिक्कत न हो। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जल्द ही उन बच्चों के लिए भी निर्णय ले जो 10वीं -12वीं की बोर्ड परीक्षाएं देना चाहते हैं।


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