Move to Jagran APP

अंडरवर्ल्ड डान अबू सलेम को हाई कोर्ट से झटका! पुर्तगाल वापस जाने की उम्मीदों पर फिर सकता है पानी

1993 के मुंबई सीरियल बम विस्फोट मामले में अपनी भूमिका के लिए आजीवन कारावास की सजा काट रहे अंडरवर्ल्ड डान अबू सलेम की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने पर नजरबंदी अवैध नहीं हो सकती।

By Mangal YadavEdited By: Published: Fri, 29 Oct 2021 07:46 PM (IST)Updated: Fri, 29 Oct 2021 07:46 PM (IST)
अदालत ने ठहराया दोषी, अवैध नहीं हो सकती अंडरवर्ल्ड डान अबू सलेम डान अबू सलेम की नजरबंदी। एएनआइ

नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। 1993 के मुंबई सीरियल बम विस्फोट मामले में अपनी भूमिका के लिए आजीवन कारावास की सजा काट रहे अंडरवर्ल्ड डान अबू सलेम की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने पर नजरबंदी अवैध नहीं हो सकती। न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल व न्यायमूर्ति एजे भंभानी की पीठ ने कहा कि एक बार जब अदालत ने सलेम को दोषी ठहराया तो वह कैसे कह सकता है कि हिरासत अवैध है।

loksabha election banner

पीठ ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि भले ही शुरू में आपकी नजरबंदी कानूनी रूप से अवैध रही हो, लेकिन अदालत द्वारा सजा देने के बाद हिरासत अवैध नहीं रहती है। इस मामले में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका नहीं हो सकती है। यह तब ही हो सकती है जब हिरासत अवैध है, लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं है।

जब सलेम के वकील एस हरिहरन ने पीठ को सूचित किया कि विभिन्न अदालती आदेशों के खिलाफ सलेम की अपील सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित है। तब पीठ ने सवाल उठाया कि जब मामला अदालत में लंबित है तो सलेम प्रत्यावर्तन के लिए कैसे कह सकता है। हरि हरन ने कहा कि वे याचिका के आधार को स्पष्ट करेंगे। पीठ ने अधिवक्ता के अनुरोध पर मामले की सुनवाई 29 नवंबर के लिए स्थगित कर दी।

सलेम ने भारत में उसकी हिरासत को अवैध घोषित करने और पुर्तगाल वापस भेजने की मांग की गई थी। बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका लापता या अवैध रूप से हिरासत में रखे गए व्यक्ति द्वारा दायर की जाती है। याचिका में कहा गया है कि सलेम को 2002 में प्रत्यर्पित किया गया था और तब से वह जेल में बंद है। ऐसी कोई उम्मीद नहीं है कि लंबित अपीलों पर जल्द ही फैसला किया जाएगा। 27 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने हत्या के मामले में सलेम को जमानत देने से इन्कार कर दिया था। 25 फरवरी 2015 को विशेष टाडा अदालत ने सलेम को 1995 में मुंबई के बिल्डर प्रदीप जैन व उनके ड्राइवर की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.