जोया खान की जिंदगी के कई रहस्य सामने आने बाकी, ATS करेगी लैपटॉप व मोबाइल की जांच
जोया वॉयस कनवर्टर की मदद से आवाज बदलकर अलग-अलग जिलों के एसएसपी से बात करती थी। वहीं एसएसपी गौतमबुद्धनगर वैभव कृष्ण ने जोया के अफगानिस्तान से संबंध की बात का खंडन किया है।
नोएडा, जेएनएन। बिसरख कोतवाली क्षेत्र स्थित गौर सिटी सोसायटी से गिरफ्तार की गई फर्जी आइएफएस अधिकारी जोया खान से बरामद लैपटॉप व मोबाइल फोन के डाटा की जांच एटीएस करेगी। इस संबंध में पुलिस की ओर से एक अर्जी जिला न्यायालय में लगाई गई है। सोमवार को दोनों आरोपित जोया व उसके पति हर्ष प्रताप सिंह की मौजूदगी में कोर्ट मामले की सुनवाई करेगी। एटीएस मोबाइल में मिली वॉयस रिकॉर्डिंग की भी जांच करेगी। जोया वॉयस कनवर्टर की मदद से आवाज बदलकर अलग-अलग जिलों के एसएसपी से बात करती थी।
वहीं एसएसपी गौतमबुद्धनगर वैभव कृष्ण ने जोया के अफगानिस्तान से संबंध की बात का खंडन किया है। उन्होंने कहा कि जोया के लैपटॉप से अभी तक ऐसा कोई मेल नहीं मिला है जो कि किसी अन्य देश या अफगानिस्तान को किया गया हो। इस बात की पुष्टि के लिए एक बार फिर से एटीएस से जोया के लैपटॉप व मोबाइल की जांच कराई जाएगी। इसमें एफएसएल की मदद ली जाएगी। उल्लेखनीय है कि सिविल सर्विसेज की परीक्षा में फेल होने वाली महिला जोया खान निवासी मेरठ ने समाज में रौब दिखाने के लिए खुद को आइएफएस अधिकारी बताने लगी थी।
बीते बुधवार को पुलिस ने उसको उसके पति हर्ष प्रताप सिंह निवासी मयूर विहार दिल्ली के साथ गिरफ्तार किया है। पति हर्ष प्रताप सिंह भी मूल रूप से मेरठ का रहने वाला है। वर्तमान में दोनों ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित गौर सिटी सोसायटी के फ्लैट नंबर सी 1601 में रह रहे थे। दोनों को बिसरख कोतवाली क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया था। आरोपित महिला जोया पिछले तीन साल से फर्जी आइएफएस अधिकारी बनकर पुलिस सुरक्षा, एस्कोर्ट व पीएसओ लेती थी। उसने एसएसपी पर रौब झाड़ कर उनको हड़काया भी था।
आरोपित महिला खुद को यूनाइटेड नेशन्स ऑर्गेनाइजेशन सिक्योरिटी काउंसिल का न्यूक्लियर पॉलिसी अधिकारी बताती थी। इसके लिए यूपी के मेरठ, गाजियाबाद, मेरठ व नोएडा के पुलिस अधिकारियों से खुद को कभी विदेश मंत्रालय का संयुक्त सचिव बताकर पुलिस सुरक्षा लेती थी। जनवरी में जोया ने ग्रेटर नोएडा में रहते हुए अपनी कार में तोड़फोड़ होने का आरोप लगाकर रिपोर्ट दर्ज कराई थी। कार्रवाई में तेजी लाने के लिए उसने कुछ पुलिस अधिकारियों को फटकार भी लगा दी थी। इसके बाद फर्जी आइएफएस ने अपनी ईमेल से सुरक्षा के लिए एसएसपी वैभव कृष्ण को मैसेज भेजा था।
यूनाइटेड नेशन्स के ईमेल को देखकर शक होने पर एसएसपी ने जांच कराई तब पता चला कि महिला फर्जी आइएफएस अधिकारी है। जोया द्वारा भेजे गए मेल की जांच कराई तो पता चला कि इसे इंडिया में महिला के लैपटॉप की आइपी से ही बनाया गया है। इसी से फर्जीवाड़े का पता चल गया और उसको गिरफ्तार कर लिया गया। महिला के पास से फर्जी आइडी कार्ड, लाइटर गन, नीली बत्ती समेत वॉकी-टॉकी, लग्जरी कार समेत कई सामान बरामद हुए। महिला गाड़ी में कभी नीली तो कभी लाल बत्ती लगा लेती थी।
वैभव कृष्ण (एसएसपी, गौतमबुद्धनगर) का कहना है कि मैं पहले भी कह चुका हूं और फिर कह रहा हूं हमारी अभी तक की जांच में अफगानिस्तान से कोई लिंक नहीं मिला है। जोया के लैपटॉप से कोई मेल अफगानिस्तान नहीं भेजा गया। यह महज सनसनी फैलाने के लिए किया जा रहा है। जिससे कि देश सुरक्षा पर सवाल उठ सकें। ऐसे सभी तथ्य भ्रामक है। जोया महज सुरक्षा लेने के लिए खुद को विदेश मंत्रालय का संयुक्त सचिव बताती थी जो कि जांच में फर्जी पाया गया।