बेहद खास है दिल्ली की यह लोकसभा सीट, लेकिन एक पूर्व PM को खानी पड़ी थी शिकस्त
दिल्ली की इस चर्चित लोकसभा सीट पर किस्मत आजमाने वालों में डॉ. मनमोहन सिंह सुषमा स्वराज प्रो. विजय कुमार मल्होत्रा मदनलाल खुराना जैसे दिग्गज नेता शामिल रहे हैं।
नई दिल्ली [गौतम कुमार मिश्रा]। आज के पश्चिमी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र का अच्छा खासा हिस्सा वर्ष 2008 से पहले दक्षिणी दिल्ली संसदीय क्षेत्र का हिस्सा हुआ करता था। जनकपुरी, तिलक नगर, हरिनगर, राजौरी गार्डन क्षेत्र के लोगों को इस बात का फक्र है कि तब की दक्षिणी दिल्ली सीट पर चुनाव लड़ने वालों में ऐसे-ऐसे नाम हैं, जो देश क्या दुनिया में किसी परिचय के मोहताज नहीं है। इस सीट पर किस्मत आजमाने वालों में डॉ. मनमोहन सिंह, सुषमा स्वराज, प्रो. विजय कुमार मल्होत्रा, मदनलाल खुराना जैसे दिग्गज नेता शामिल रहे हैं।
एक दशक तक प्रधानमंत्री रहे डॉ. मनमोहन सिंह को इस सीट पर भाजपा उम्मीदवार प्रो. विजय कुमार मल्होत्रा ने शिकस्त दी थी। विजय कुमार मल्होत्रा यहां से तीन बार जीते। इसी तरह दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे मदन लाल खुराना भी इस सीट से दो बार जीते। सुषमा स्वराज इस सीट से एक बार नहीं, बल्कि दो बार सांसद बनीं। दिल्ली के महापौर रहे सुभाष आर्य बताते हैं कि दक्षिणी दिल्ली संसदीय सीट पर पूरे देश की नजर रहती थी।
यहां अटल बिहारी वाजपेयी, लाल कृष्ण आडवाणी भी भाजपा के पक्ष में मतदान की अपील करने आते थे। तब राजौरी गार्डन में जगह-जगह सभाएं होती थीं। आज जहां विशाल सिनेमा है पहले वह जगह खाली हुआ करती थी और वहां सभाएं होती थीं। सुभाष नगर में भी एमआइजी फ्लैट के नजदीक सभाएं आयोजित होती थी। राजौरी गार्डन क्षेत्र में अटल बिहारी वाजपेयी, लाल कृष्ण आडवाणी व मोरारजी देसाई सभी की सभाएं हो चुकी हैं। आपातकाल के बाद जब चुनाव हुए थे तब प्रो. विजय कुमार मल्होत्रा जनता पार्टी के उम्मीदवार थे। तब उनके समर्थन में मोरारजी देसाई ने यहां चुनावी सभा की थी। वाजपेयी जी के भाषण की कला के लोग मुरीद थे। आडवाणी भी मंच पर तब माइक पकड़ते थे जब लोग पूरी तरह शांत हो जाते थे।
सुभाष आर्य बताते हैं कि वर्ष 1996 व 1998 में हुए लोकसभा चुनाव में सुषमा स्वराज यहां से लड़ीं और दोनों ही बार वे जीतीं। प्रचार के दौरान जनता से सीधा संवाद करना उनकी सबसे बड़ी खासियत थी, उनकी यह खासियत आज भी उन्हें दूसरे नेताओं से विशिष्ट बनाती है। वे अक्सर कहा करती थी, आज जो लोग हमारा स्वागत कर रहे हैं, जो लोग हमें सुन रहे हैं, उनका एक अहसान हमारे ऊपर है। चुनाव के नतीजे चाहे जो भी हो, इस अहसान को उतारा नहीं जा सकता है। आज भी वे जनकपुरी, तिलक नगर, राजौरी गार्डन, सुभाष नगर के लोगों से जुड़ी हैं। क्षेत्र के लोगों से आज भी वे बड़ी गर्मजोशी के साथ मिलती हैं। अब जबकि इस सीट को छोड़े एक अर्सा बीत चुका है, आज भी उन्हें एक-एक कार्यकर्ताओं के नाम याद हैं। हरिनगर निवासी दिनेश जैन बताते हैं कि इस सीट पर किस्मत आजमाने वालों में डॉ. मनमोहन सह भी रहे। वर्ष 1999 में उन्होंने यहां से चुनाव लड़ा। भाजपा प्रत्याशी प्रो. विजय कुमार मल्होत्रा से उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
दिनेश यह भी बताते हैं कि हरिनगर में उन्होंने हर नेताओं की चुनावी सभाएं देखीं, लेकिन डॉ. मनमोहन सिंह की रैली उन्हें याद नहीं है। वह यहां तब आए जब वह प्रधानमंत्री बन चुके थे। तब यह क्षेत्र पश्चिमी दिल्ली संसदीय सीट का हिस्सा बन चुका था।
जनकपुरी डी-ब्लॉक निवासी समाजसेवी रजनीश कुमार बताते हैं कि दक्षिणी दिल्ली संसदीय सीट हमेशा से चर्चा में रही। 2008 से पहले जब दक्षिणी दिल्ली सीट का यह हिस्सा हुआ करता था तब यहां से लड़ना प्रतिष्ठा का विषय माना जाता था। रजनीश बताते हैं कि जनकपुरी से सटे नांगलराया गांव में चुनाव के दौरान नेताओं का जमघट लगा रहता था। आपातकाल के बाद जब देश में चुनाव हुए थे तब राजौरी गार्डन में इंदिरा गांधी खुद रैली में पहुंची थी। जब वह बोलती थीं, तब पूरी सभा में चुप्पी छाई रहती थी।