आप से गठबंधन पर दिल्ली कांग्रेस का इन्कार, आलाकमान फिर भी तैयार
लोकसभा चुनाव 2019 के मद्देनजर दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) के बीच गठबंधन को लेकर केंद्रीय समिति की तेजी पर प्रदेश ने फिर से ब्रेक लगाने की कोशिश की है।
नई दिल्ली, जेएनएन। लोकसभा चुनाव 2019 के मद्देनजर दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) के बीच गठबंधन को लेकर केंद्रीय समिति की तेजी पर प्रदेश ने फिर से ब्रेक लगाने की कोशिश की है। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस ने शुक्रवार को बाकायदा बैठक कर इस गठबंधन के खिलाफ एकजुटता प्रदर्शित कर यह भी साफ कर दिया कि पार्टी के कुछ बड़े नेता ही परदे के पीछे से गठबंधन का दबाव बना रहे हैं।
दूसरी तरफ केंद्रीय स्तर पर गठबंधन की रूपरेखा लगभग तैयार हो गई है और सप्ताह भर के भीतर इसकी घोषणा भी की जा सकती है। गठबंधन के मद्देनजर शुक्रवार सुबह साढ़े 11 बजे शीला ने अपने निवास पर एक अहम बैठक बुलाई। बैठक में सभी नेताओं ने आप के साथ किसी भी तरह का गठबंधन करने से साफ इन्कार कर दिया।
सभी का एकमत से कहना था कि न तो आम आदमी पार्टी भरोसेमंद है और न ही पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल। सबसे अहम बात यह कि अगर लोकसभा चुनाव में कांग्रेस आप के साथ चल भी पड़े तो कुछ ही महीने बाद विधानसभा चुनाव में जनता के बीच मुंह दिखाना मुश्किल हो जाएगा।
ज्यादातर नेताओं ने गठबंधन के निर्णय को प्रदेश कांग्रेस के लिए आत्मघाती कदम भी बताया। कुछ ने कहा कि लोकसभा की दो-तीन सीटों के लिए विधानसभा चुनाव को दरकिनार नहीं किया जा सकता। बैठक खत्म भी इसी सहमति के साथ हुई कि प्रदेश के निर्णय से अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआइसीसी) को साफ शब्दों में अवगत करा दिया जाए। हालांकि अंतिम निर्णय पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी पर छोड़ दिया गया।
दूसरी तरफ, एआइसीसी के सूत्र बताते हैं कि प्रदेश कांग्रेस के इन्कार के बावजूद आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन करीब-करीब फाइनल हो चुका है। अंतिम निर्णय बेशक राहुल गांधी को लेना है, लेकिन उनका निर्णय केंद्रीय समिति की राय पर ही आधारित होगा।
आप के साथ गठबंधन पर दिल्ली के सभी नेताओें के साथ चर्चा हुई है। सभी ने एकमत से इन्कार कर दिया है। कांग्रेस बहुत पुरानी और मजबूत पार्टी है। पार्टी अपने दम पर चुनाव लड़ने में सक्षम है।
-शीला दीक्षित, प्रदेश अध्यक्ष, दिल्ली कांग्रेस