Delhi News: युवक के अंगदान से किशोर का धड़केगा दिल, चार लोगों को मिली जिंदगी
सड़क हादसे में एक युवक की मौत के बाद परिवार के लोगों ने अंगदान का फैसला किया और दिल लिवर व दोनों किडनी दान करने की स्वीकृति दी। अंगदान के बाद एम्स में 17 वर्षीय किशोर को दिल प्रत्यारोपित किया गया जो दिल की गंभीर बीमारी से पीड़ित था।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। एम्स ट्रामा सेंटर में सड़क हादसे के शिकार 32 वर्षीय युवक के अंगदान से चार लोगों को जिंदगी मिली। अंगदान में मिला दिल, एक किडनी व लिवर एम्स में अलग-अलग तीन मरीजों को प्रत्यारोपित किया गया। वहीं दूसरी किडनी आरएमएल अस्पताल में एक अन्य मरीज को प्रत्यारोपित किया गया।
खास बात यह है कि दिल 17 वर्षीय किशोर को प्रत्यारोपित किया गया। इस वजह से युवक का दिल अब इस किशोर में धड़केगा। एम्स के अनुसार संदीप नामक इस युवक को 13 मई को गुरुग्राम में हुए सड़क हादसे में गंभीर चोट लग गई थी। पहले उन्हें इलाज के लिए गुरुग्राम स्थित पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
सिर में गंभीर चोट होने के कारण बाद में एम्स ट्रामा सेंटर में स्थानांतरित किया गया लेकिन डाक्टर उन्हें बचा नहीं पाए। 14 मई को ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया। इसके बाद परिवार के लोगों को अंगदान के लिए प्रेरित किया गया।
दुख के इस मुश्किल घड़ी में भी परिवार के लोगों ने अंगदान का फैसला किया और दिल, लिवर व दोनों किडनी दान करने की स्वीकृति दी। अंगदान के बाद एम्स में 17 वर्षीय किशोर को दिल प्रत्यारोपित किया गया, जो दिल की गंभीर बीमारी से पीड़ित था। उस किशोर का दिल ठीक से काम नहीं कर पा रहा था। इस वजह से उसे दिल प्रत्यारोपण की जरूरत थी। लिवर 44 वर्षीय मरीज को प्रत्यारोपित किया गया। एक किडनी 27 साल की युवती व दूसरी किडनी 29 साल के युवक को प्रत्यारोपित किया गया।
एम्स के आर्बो (आर्गन रिट्राइवल बैकिंग आर्गेनाइजेशन) की प्रमुख डा. अरती विज ने कहा कि कोरोना के बाद अंगदान बढ़ा है। इस साल अब तक पांच अंगदान हो चुके हैं। जिसमें चार अंगदान पिछले एक डेढ़ माह में हुए हैं। अंगदान के प्रति जागरूकता बढ़ने से अंग प्रत्यारोपण को लिए इंतजार करने वाले कई लोगों की जिंदगी बचाई जा सकती है।
पुलिस नहीं कर रही है सहयोग
संदीप के छोटे भाई नीरज ने कहा कि वह दिल्ली के मदनगीर में रहते हैं। संदीप गुरुग्राम के एक कंपनी में काम करते थे। इस वजह से सुबह-सुबह घर से ड्यूटी पर निकल गए थे। बाद में अस्पताल से फोन आया और सड़क हादसे में चोट लगने की जानकारी दी गई लेकिन सड़क दुर्घटना कैसे और किस वाहन से हुई अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ है। गुरुग्राम पुलिस का पूरा सहयोग भी नहीं मिल रहा है।
पुलिस कह रही है कि घटना स्थल पर सीसीटीवी कैमरा बंद था। इस वजह से यह भी पता नहीं चला है कि हादसा किस वाहन से हुआ। भाई तो चला गया लेकिन पुलिस सहयोग करे तो कम से यह पता तो चलता कि घटना कैसे हुई? हमारा मन इस बात को लेकर शांत है कि मेरा भाई चार लोगों को जिंदगी देकर गया है।