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पुलिसकर्मी बनकर बुजुर्गों से ठगी व लूटपाट करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के चार बदमाश गिरफ्तार

क्राइम ब्रांच ने शनिवार को पुलिसकर्मी बनकर बुजुर्गों से लूटपाट व ठगी करने वाले एक अंतरराज्यीय गिरोह के सरगना समेत चार बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया है। इन बदमाशों के बैग से बिहार व उत्तर प्रदेश पुलिस के अलावा भारतीय सेना की तीन टोपियां मिली हैं।

By Ashisha RajputEdited By: Published: Sat, 28 May 2022 09:51 PM (IST)Updated: Sat, 28 May 2022 09:51 PM (IST)
पुलिसकर्मी बनकर बुजुर्गों से ठगी व लूटपाट करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के चार बदमाश गिरफ्तार
नौ केस सुलझे, जेवरात बामद, अपराध में इस्तेमाल आइटेन कार व बाइक बरामद

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। पुलिसकर्मी बनकर बुजुर्गों से लूटपाट व ठगी करने वाले एक अंतरराज्यीय गिरोह के सरगना समेत चार बदमाशों को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया है। सरगना निसार मिश्किन सैय्यद, मुंबई व नागपुर में पांच मामलों में वांछित था जिसमें एक मकोका भी शामिल है। इनकी गिरफ्तारी से पुलिस ने ठगी व लूटपाट के नौ मामले सुलझाने का दावा किया है। इनके पास से वारदात में इस्तेमाल एक आइ टेन कार व एक बाइक जब्त कर ली गई है। इनके पास से 52 ग्राम वजन का एक सोने का कड़ा भी बरामद किया गया है। साथ ही इनके बैग से बिहार व उत्तर प्रदेश पुलिस के अलावा भारतीय सेना की तीन टोपियां भी मिली है, जिसे पहनकर गिरोह के सदस्य पुलिसकर्मी बनकर बुजुर्गों को शिकार बनाते थे।

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डीसीपी राजेश देव के मुताबिक गिरफ्तार किए गए बदमाशों के नाम निसार मिश्किन सैय्य (अम्बेवाली, महाराष्ट्र), इकबाल (देवबंद, यूपी), सलमान अली (देवबंद, यूपी) व शब्बीर अली (देवबंद, यूपी) है। एसीपी सुशील कुमार व इंस्पेक्टर दलीप कुमार के नेतृत्व में पुलिस टीम ने 26 मई को आइपी पार्क के पास से चारों को दबोच सोने का कड़ा बरामद किया जिसे इन्हाेंने 24 मई को अलीगढ़, यूपी में किसी बुजुर्ग महिला से ठगी की थी।

इकबाल पटेल नगर, देहरादून में दर्ज गैंगस्टर एक्ट के मामले में वांछित था। जिसमें कोर्ट ने जमानती वारंट जारी किया था। 16 मई को पुलिस टीम ने इस गिरोह के दो सदस्यों गुलाम अली उर्फ काकड़ी और बकर अली को गिरफ्तार किया था। इस गिरोह के सदस्य ज्यादातर मध्य प्रदेश व देवबंद में है। हालांकि गिरोह पूरे भारत में काम करता है। करीब 350 ऐसे परिवार हैं जो इस तरह की ठगी के धंधे से जुड़े हैं।

समान तौर-तरीकों के अपराध में शामिल। प्रत्येक टीम में 4-5 सदस्य होते हैं। दो सदस्य पुलिसकर्मी बनकर बुजुर्गों को रोककर अलग-अलग तरह के बहाने बना उनके जेवर उतरवा लेते थे और जांच करने के बहाने गहने लेकर भाग जाते थे। ये लोग कभी सीबीआई तो कभी अन्य अधिकारी बनकर चेकिंग के बहाने रोक कर ठगी व लूटपाट करते थे। जिस इलाके में इन्हें वारदात करना होता था ये आमतौर पर उसी क्षेत्र के होटलों में ठहरते थे। इनमें निसार मिश्किन सैय्यद के खिलाफ मुंबई के अलग-अलग थानों में आठ मामले दर्ज हैं। बाकी तीन के खिलाफ भी कई राज्यों में 50 से अधिक मामले दर्ज हैं।


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