पूर्व मंत्री राज कुमार आनंद की क्या बढ़ेंगी मुश्किलें? दिल्ली विधानसभा के दलबदल विरोधी कानून के नोटिस पर क्या बोले
राजकुमार आनंद ने मंगलवार को कहा कि विधायक के रूप में अयोग्य ठहराए जाने के संबंध में उन्हें दिए गए दिल्ली विधानसभा (Delhi Assembly) के नोटिस पर वह कानूनी राय मांग रहे हैं। आनंद (जिन्होंने अप्रैल में आप और दिल्ली सरकार में मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था) ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर नई दिल्ली सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा लेकिन असफल रहे।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली के पूर्व समाज कल्याण मंत्री राजकुमार आनंद ने मंगलवार को कहा कि विधायक के रूप में अयोग्य ठहराए जाने के संबंध में उन्हें दिए गए दिल्ली विधानसभा (Delhi Assembly) के नोटिस पर वह कानूनी राय मांग रहे हैं। आनंद (जिन्होंने अप्रैल में आप और दिल्ली सरकार में मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था) ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर नई दिल्ली सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन असफल रहे।
उन्होंने कहा कि उन्होंने अभी तक नोटिस का जवाब नहीं दिया है। आनंद ने कहा, ''मुझे कारण बताओ नोटिस मिला है लेकिन मैंने उसका जवाब नहीं दिया। मैं इस मामले पर कानूनी सलाह ले रहा हूं। मेरे वकील जो कहेंगे, मैं उसके साथ चलूंगा।''
कोर्ट जाने के सवाल पर क्या बोले
यह पूछे जाने पर कि क्या दल-बदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य ठहराए जाने की स्थिति में वह अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे, पूर्व मंत्री ने कहा कि वह सप्ताह के अंत तक फैसला करेंगे।
एक मौका और देंगे अपनी बात रखने का
दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने बताया कि आनंद ने न तो नोटिस का जवाब दिया और न ही उनके सामने व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हुए जैसा कि मंगलवार को उनसे अपेक्षित था। गोयल ने कहा, "हम उन्हें शुक्रवार को मामले में कारण बताने के लिए व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का एक और मौका देंगे। इसके बाद, मामले में कानूनी राय के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी।"
मालूम हो कि आनंद को दलबदल विरोधी कानूनों के तहत 31 मई को विधानसभा द्वारा नोटिस दिया गया था और 10 जून को शाम पांच बजे तक अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा गया था।
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वह 2020 के चुनाव में पश्चिमी दिल्ली के पटेल नगर आरक्षित विधानसभा क्षेत्र से चुने गए थे। उन्होंने पार्टी में संगठनात्मक नियुक्तियों में भ्रष्टाचार और दलित नेताओं और स्वयंसेवकों की उपेक्षा के आरोप लगाते हुए आप छोड़ दी।