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दिल्ली दंगे के मामले में पहली बार कोई आरोपित दोषी करार, 22 दिसंबर को होगी सजा पर सुनवाई

दिल्ली दंगे के मामले में पहली बार कोर्ट ने एक आरोपित को दोषी करार दिया है। गोकलपुरी में लूटपाट व आगजनी मामले में आरोपित दिनेश यादव उर्फ माइकल को दोषी करार दिया गया है। उसकी सजा तय करने के लिए 22 दिसंबर को सुनवाई होगी।

By Mangal YadavEdited By: Published: Mon, 06 Dec 2021 08:08 PM (IST)Updated: Mon, 06 Dec 2021 08:08 PM (IST)
दिल्ली दंगे के मामले में पहली बार कोई आरोपित दोषी करार, 22 दिसंबर को होगी सजा पर सुनवाई
दिल्ली दंगे के मामले में पहली बार कोई आरोपी दोषी करार, 22 दिसंबर को होगी सजा पर सुनवाई

नई दिल्ली [आशीष गुप्ता]। दिल्ली दंगे के मामले में पहली बार कोर्ट ने एक आरोपित को दोषी करार दिया है। गोकलपुरी में लूटपाट के बाद घर जलाने के मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र भट्ट के कोर्ट ने आरोपित दिनेश यादव उर्फ माइकल को दोषी ठहराया है। उसकी सजा पर 22 दिसंबर को सुनवाई होगी। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान पिछले वर्ष फरवरी में उत्तर पूर्वी दिल्ली में दंगा भड़क गया था।

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दंगे में 25 फरवरी 2020 को गोकलपुरी इलाके के भागीरथी विहार डी-ब्लाक में 73 वर्षीय मनोरी के घर में दंगाइयों ने हमला कर दिया था। उस वक्त उनके घर पर स्वजन नहीं थे। दंगाई उनके घर से सामान लूटने के साथ उनकी भैंस व बछड़ा ले गए थे। दंगाइयों ने उनके घर को आग लगा दी थी।

इस मामले में आरोपित दिनेश यादव उर्फ माइकल पर तीन अगस्त 2021 को कोर्ट ने आरोप तय किए थे। उस वक्त बचाव पक्ष ने दलील दी थी कि पुलिस के पास सीसीटीवी कैमरे की फुटेज नहीं है। एफआइआर और गवाहों के बयान दर्ज करने में देरी की गई है। बचाव पक्ष ने गवाहों पर संदेह भी जताया था। वहीं वरिष्ठ लोक अभियोजक ने पक्ष रखा था कि दंगे के दौरान पुलिस दंगे को शांत करवाने में लगी हुई थी। दंगे थमने के बाद कर्फ्यू लग गया था। इस वजह से थोड़ा वक्त लगा। साथ ही कोर्ट को अवगत कराया था कि इस मामले में पीड़ित के अलावा कई गवाह भी हैं।

आरोप तय होने के बाद आरोपित ने ट्रायल की मांग की थी। उसके बाद दोनों पक्षों ने गवाह व साक्ष्य पेश किए। सोमवार को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र भट्ट के कोर्ट ने आरोपित दिनेश यादव को भारतीय दंड संहिता की धारा 143 (गैर कानूनी समूह का सदस्य होने), 147 (दंगा करने), 148 (घातक हथियार का इस्तेमाल करने), 149 (गैर कानूनी समूह में समान मंशा से अपराध करने), 392 (लूटपाट करने), 436 (आग लगाने), 457 (छुप कर गृह-भेदन करने) का दोषी माना है।


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