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TELEVISTA के मालिक रहे अरुण शर्मा की हत्या का 19 दिन बाद सनसनीखेज खुलासा, 5 अरेस्ट

Arun Kumar Murder Caseटेलीविस्टा इलेक्ट्रॉनिक्स के 64 वर्षीय मालिक अरुण शर्मा की हत्या में क्राइम ब्रांच ने एक डॉक्टर सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया है।

By JP YadavEdited By: Published: Fri, 06 Dec 2019 09:30 AM (IST)Updated: Fri, 06 Dec 2019 09:30 AM (IST)
TELEVISTA के मालिक रहे अरुण शर्मा की हत्या का 19 दिन बाद सनसनीखेज खुलासा, 5 अरेस्ट
TELEVISTA के मालिक रहे अरुण शर्मा की हत्या का 19 दिन बाद सनसनीखेज खुलासा, 5 अरेस्ट

नई दिल्ली [जागरण संवाददाता]। टेलीविस्टा इलेक्ट्रॉनिक्स के 64 वर्षीय मालिक अरुण शर्मा की हत्या में क्राइम ब्रांच ने एक डॉक्टर सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। 15 नवंबर को घर से मेट्रो स्टेशन जाने के दौरान उन्हें अगवा कर लिया गया था। बाद में बदमाशों ने कार में गला दबाकर उनकी हत्या कर शव को झांसी, उत्तर प्रदेश स्थित एक नहर में फेंका दिया था। उनकी हत्या गुरुग्राम के विबन इस्टेट स्थित तीन करोड़ की संपत्ति के लिए कराई गई। हत्या के लिए डॉक्टर ने 25 लाख रुपये की सुपारी दी थी।

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अपराध शाखा के एडिशनल पुलिस कमिश्नर बीके सिंह ने बताया कि टेलीविस्टा इलेक्ट्रॉनिक्स के मालिक अरुण शर्मा ग्रेटर कैलाश में रहते थे। गुरुग्राम के विबन इस्टेट स्थित तीन करोड़ की उनकी संपत्ति का विवाद कोर्ट में चल रहा है। 15 नवंबर को गुरुग्राम कोर्ट में संपत्ति के संबंध में सुनवाई होनी थी। अरुण शर्मा 15 नवंबर की सुबह घर से निकले, उन्हें वकील से मिलना था और बाद में वे वकील की कार से गुरुग्राम कोर्ट जाते। इसी बीच वह लापता हो गए। रात में जब परिजनों ने उन्हें फोन किया तो उनका मोबाइल फोन बंद आ रहा था। बाद में उन्होंने वकील से बात की तो पता चला कि अरुण उनसे मिले ही नहीं। जिसके बाद अरुण की बहन शशि किरन शर्मा ने भाई के लापता होने की शिकायत ग्रेटर कैलाश थाने में की। मुकदमा दर्ज कर स्थानीय पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू की। लेकिन कारोबारी का कोई पता नहीं चल सका। लिहाजा 27 नवंबर को मामला क्राइम ब्रांच में ट्रांसफर कर दिया गया।

क्राइम ब्रांच ने घटना वाले दिन मृतक के घर पर लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच की तो उसमें वहां आए दो संदिग्ध युवक और एक स्कार्पियो कार दिखाई दी। जांच में कार का नंबर फर्जी निकला। जिसके बाद शक के आधार पर पुलिस ने डॉ. ऋषिराज से से पूछताछ की तो उसने गुनाह कुबूल करते हुए बताया कि अरुण कुमार की हत्या के लिए उसने ही 25 लाख रुपये की सुपारी दी है।

वारदात में उसका बेटा हितेश और उसके दोस्त का बेटा अमेत, अमेत का मौसेरा भाई प्रियंक और अमेत का एक कर्मचारी साहिल शामिल है। जिसके बाद पुलिस ने चार दिसंबर को सभी आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि 15 नवंबर को जब अरुण शर्मा कोर्ट जाने के लिए घर से निकले थे तभी उन्होंने कैलाश कॉलोनी मेट्रो स्टेशन के पास उन्हें अगवा कर लिया था। बाद में उनकी शॉल से गला घोंटकर हत्या कर दी गई। हत्या के बाद अरुण के शव को लेकर अमेत, प्रियंक और साहिल पहले गुरुग्राम पहुंचे। वहां हितेश को अरुण का शव दिखाने के बाद उसके कहने पर वे शव को झांसी ले गए और उसे वहां एक नहर में ठिकाने लगा दिया और गुरुग्राम वापस लौट आए।

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