Fish Found Dead: 'जल की रानी' दिल्ली के नजफगढ़ तालाब में मृत तैर रहीं, क्या है मछलियों के मरने का रहस्य?
राजधानी दिल्ली के नजफगढ़ इलाके में एक तालाब में मृत मछलियां मिली हैं। मरने का कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है। तालाब से मछलियों को निकालने का काम किया जा रहा है। मछलियों में कुछ बीमारी की बात पता चली है।
नई दिल्ली [ANI, IANS]। राजधानी दिल्ली के नजफगढ़ इलाके में एक तालाब में मृत मछलियां मिली हैं। मरने का कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है। तालाब से मछलियों को निकालने का काम किया जा रहा है। आसपास के लोगों को यह घटना अभी समझ में नहीं आ रही है। मृत मछलियों ने लोगों को गंभीर स्थिति में डाल दिया है।
झुलझुली गांव के आरडब्ल्यूए अध्यक्ष भार सिंह यादव ने बताया कि मैंने आज तक इतनी मछलियां मरी हुई नहीं देखीं। इसका कारण जांच के बाद ही पता चलेगा। मछलियों में कुछ बीमारी की बात पता चली है। पानी में कुछ कमी है या फिर प्रदूषण के कारण ऐसा हो रहा है। लेकिन तालाब नजफगढ़ नाले से जुड़ा नहीं है।
लोगों ने बताया कि कुछ दिनों पहले दक्षिण-पश्चिम दिल्ली जिले के नजफगढ़ नाले में सैकड़ों मछलियां मृत पाई गई थीं। स्थानीय लोगों के मुताबिक, आसपास के तालाब में सैकड़ों मछलियां भी मर चुकी हैं।
जांच के लिए नमूने एकत्र किए
हालांकि, नजफगढ़ झील और उसके आसपास कोई मछली मरी नहीं पाई गई। अचानक हुई मौतों के कारण का अभी पता नहीं चल पाया है। इस बीच, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने रविवार को नाले से जैविक ऑक्सीजन मांग (बीओडी) और रासायनिक ऑक्सीजन मांग (सीओडी) के स्तर को निर्धारित करने के लिए नाले से नमूने एकत्र किए।
बीओडी पानी में मौजूद कार्बनिक घटकों को विघटित करने के लिए बैक्टीरिया के लिए आवश्यक ऑक्सीजन की मात्रा का एक उपाय है, जबकि सीओडी पानी में रसायनों को मापता है। एक स्थानीय व्यक्ति ने बताया कि तालाब में मछलियो का मरना उनकी समझ से परे है क्योंकि यह नजफगढ़ के नाले से भी जुड़ा नहीं है।
आस-पास के उद्योगों से प्रदूषकों के निर्वहन के कारण नाले में मछलियां मर सकती हैं। डीपीसीसी मौत के सही कारण का पता लगाने के लिए मामले को अलग-अलग एंगल से देख रहा है।