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Delhi News: दिल्ली के पंडारा रोड पर बनेगी पहली सुपरसाइट और मोबाइल लैब, वायु प्रदूषण फैलाने वाले कारकों की पहचान करने में होगी आसानी

परियोजना दिल्ली में किसी भी स्थान पर वायु प्रदूषण में वृद्धि के लिए जिम्मेदार कारकों की पहचान करने में मदद करेगी। यह वाहन धूल बायोमास जलने पराली जलाने और उद्योग उत्सर्जन जैसे विभिन्न प्रदूषण स्त्रोतों के वास्तविक समय के प्रभाव को समझने में मदद करेगी।

By Pradeep ChauhanEdited By: Published: Thu, 19 May 2022 08:47 PM (IST)Updated: Thu, 19 May 2022 08:47 PM (IST)
Delhi News: दिल्ली के पंडारा रोड पर बनेगी पहली सुपरसाइट और मोबाइल लैब, वायु प्रदूषण फैलाने वाले कारकों की पहचान करने में होगी आसानी
सुपरसाइट 36 वर्ग मीटर क्षेत्र में बनाई जाएगी।

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। दिल्ली में प्रदूषण पर अंकुश लगाने की गति और तेज करने के लिए बृहस्पतिवार को दिल्ली सचिवालय में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय की अध्यक्षता में एक समीक्षा बैठक की गई। इस दौरान वायु प्रदूषण के रियल टाइम डाटा परियोजना की प्रगति पर चर्चा की गई। बैठक में दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) आइआइटी कानपुर, आइआइटी दिल्ली और द एनर्जी एंड रिसोर्स इंस्टीटयूट (टेरी) के विशेषज्ञ और अधिकारी मौजूद रहें।

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बैठक के बाद राय ने बताया कि रियल टाइम परियोजना की पहली सुपरसाइट पंडारा रोड पर बनाई जा रही है। अगस्त में सुपरसाइट व मोबाइल लैब की शुरुआत की जाएगी। बैठक में आइआइटी कानपुर की टीम ने अवगत कराया कि दिल्ली में प्रदूषण के वास्तविक स्त्रोतों का पता लगाने के लिए सुपर साइट की स्थापना जल्द हो जाएगी। सुपरसाइट 36 वर्ग मीटर क्षेत्र में बनाई जाएगी। इसके साथ ही दिल्ली में अगस्त से प्रदूषण के रियल टाइम कारकों का पता लगेगा, जिससे प्रदूषण के स्त्रोत को नियंत्रित करने की रणनीति बनाने में मदद मिलेगी।

पर्यावरण मंत्री ने बताया कि इस तरह की परियोजना से दिल्ली वायु प्रदूषण का वास्तविक समय स्त्रोत विभाजन करने वाला पहला शहर बनेगा। यह परियोजना दिल्ली में किसी भी स्थान पर वायु प्रदूषण में वृद्धि के लिए जिम्मेदार कारकों की पहचान करने में मदद करेगी। यह वाहन, धूल, बायोमास जलने, पराली जलाने और उद्योग उत्सर्जन जैसे विभिन्न प्रदूषण स्त्रोतों के वास्तविक समय के प्रभाव को समझने में मदद करेगी।

इसके परिणामों के आधार पर दिल्ली सरकार प्रदूषण के स्त्रोतों पर अंकुश लगाने के लिए आवश्यक कदम उठा सकेगी। इससे दिल्ली के प्रदूषण के विभिन्न कारकों की पहचान करने और उनको दूर करने में मदद मिलेगी। प्रदूषण पूर्वानुमान प्राप्त होने से सरकार को निर्माण स्थल पर प्रतिबंध, वाहनों पर प्रतिबंध सहित अन्य नीतिगत निर्णय लेने में भी मदद मिलेगी।


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