विश्वविद्यालय के 350 भारतीय-विदेशी छात्रों के खिलाफ FIR, जानें- क्या है पूरा मामला
भारतीय और विदेशी छात्रों के बीच जमकर हुई मारपीट व अतराव। तीन अफगानी छात्र निलंबित। पहले भी इस विश्वविद्लाय में देशी-विदेशी छात्रों के बीच मारपीट के कई बड़ी घटनाएं हो चुकी हैं।
नोएडा (जेएनएन)। दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा के एक नामी विश्वविद्यालय में पढ़ने 350 भारतीय व विदेशी छात्रों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया है। इसके साथ ही पुलिस-प्रशासन ने पूरे विश्वविद्यालय को छावनी में तब्दील करते हुए रविवार तक के ले अवकाश करा दिया है। विश्वविद्यालय की स्थिति पर जिले के वरिष्ठ अधिकारी से लेकर गृह मंत्रालय तक नजर बनाए हुए है।
मामला ग्रेटर नोएडा के शारदा विश्व विद्यालय का है। यहां पर भारतीय और विदेशी छात्रों में पिछले कुछ दिनों से तनाव चल रहा है। विवि में भारतीय व विदेशी विद्यार्थी बृहस्पतिवार को एक बार फिर आमने-सामने आ गए। दोनों ग्रुप के विद्यार्थियों के बीच जमकर विवाद हुआ। पथराव और मारपीट में दोनों ग्रुप के कई विद्यार्थी चोटिल हुए हैं।
विवाद के बाद विवि में भारी पुलिस फोर्स व पीएसी के साथ एसडीएम, सीओ ने डेरा डाल दिया है। विवि को रविवार तक बंद कर दिया गया। विवि के गेट पर बाउंसर तैनात कर मीडिया व बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई। घायल विद्यार्थियों को शारदा अस्पताल में ही भर्ती करा दिया गया। विवि प्रशासन मामले को दबाने में जुट गया। पुलिस व प्रशासन ने भी किसी छात्र के घायल होने की पुष्टि नहीं की। पुलिस ने 350 अज्ञात छात्रों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
पुलिस की लापरवाही से बिगड़ी स्थिति
विवि में तीन दिन पूर्व अफगानिस्तान के विद्यार्थियों ने भारतीय छात्र की पिटाई कर दी। इसके बाद दोनों ग्रुप के विद्यार्थियों के बीच जमकर झड़प हुई थी। कुछ विदेशी विद्यार्थियों ने भारतीय छात्रों को धमकी भी दी थी। इसके बावजूद पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया था। इसको लेकर भारतीय विद्यार्थियों में नाराजगी थी।
तीन अफगानी छात्र निलंबित
बृहस्पतिवार को दोनों गुट आमने सामने आ गए। मारपीट के बाद हास्टल में रहने वाले छात्रों को हास्टल में ही कैद कर दिया गया। अफगानिस्तान के तीन छात्रों रहीम खान, अब्दुल समीम व शादाब तैय्यब को निलंबित कर दिया गया है। विभिन्न धार्मिक संगठनों के लोग भी विवि पहुंचे, लेकिन बाउंसरों ने उन्हें अंदर नहीं जाने दिया। अफगानिस्तान एंबेसी के अधिकारी भी विवि पहुंचे। मामले में विवि के रजिस्ट्रार से संपर्क किया गया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।