तीसरे फेज में मेट्रो कॉरिडोर पर चलेगी फीडर बस सेवा, हजारों यात्रियों का आसान होगा सफर
डीएमआरसी दिल्ली के बाहर फीडर बस सेवा नहीं देता। ऐसे में शासन को प्रस्ताव दिया जाएगा कि वह तय करें कि जीडीए नगर निगम या परिवहन निगम में से कौन यह सेवा मुहैया कराएगा।
गाजियाबाद, जेएनएन। तीसरे फेज के तहत नोएडा इलेक्ट्रॉनिक सिटी से मोहननगर तक प्रस्तावित मेट्रो कॉरिडोर पर फीडर बस सेवा संचालित की जाएगी। फीडर बस सेवा के लिए संशोधित डीपीआर में प्रावधान किया जाएगा। जीडीए वीसी कंचन वर्मा ने बताया कि दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) को डीपीआर संशोधन में इस बिंदु का ख्याल रखने के लिए कहा जाएगा। उन्होंने बताया कि डीएमआरसी दिल्ली के बाहर फीडर बस सेवा नहीं देता। ऐसे में शासन को प्रस्ताव दिया जाएगा कि वह तय करें कि जीडीए, नगर निगम या परिवहन निगम में से कौन यह सेवा मुहैया कराएगा।
नोएडा इलेक्ट्रॉनिक सिटी से मोहननगर तक मेट्रो कॉरिडोर पर वैभव खंड, इंदिरापुरम, शक्तिखंड, वसुंधरा सेक्टर-पांच और मोहननगर में स्टेशन प्रस्तावित हैं। पहले यह कॉरिडोर नोएडा इलेक्ट्रॉनिक सिटी से साहिबाबाद तक प्रस्तावित था। पुरानी योजना में कॉरिडोर की लंबाई 5.11 किलोमीटर तय हुई थी। बाद में योजना में परिवर्तन कर दिया गया। साहिबाबाद की बजाए कॉरिडोर को वसुंधरा सेक्टर-पांच से टर्न कराकर मोहननगर से जोड़ने पर सहमति बनी। इस परिवर्तन के चलते इस कॉरिडोर की लंबाई बढ़कर करीब सात किलोमीटर हो जाएगी। लागत 1886 करोड़ रुपये से बढ़ कर करीब दो हजार करोड़ रुपये हो जाएगी। 18 मार्च को इस कॉरिडोर का फं¨डग पैटर्न तय करने के लिए शासन विचार-विमर्श करेगा। उसमें मंथन के दौरान फीडर बस सेवा पर भी मंथन किया जाएगा। तीसरे फेज में बनने वाले कॉरिडोर से इंदिरापुरम और वसुंधरा वासियों को ज्यादा फायदा होगा। ऐसे में इनके सभी खंड और सेक्टरों के लिए फीडर बसें चलाई जाएंगी।
फीडर बस सेवा न होने की वजह से शहर के बीच से लोगों को यहां तक पहुंचने में दिक्कत हो रही है। डासना, गोविंदपुरम, शास्त्रीनगर, हरसांव, स्वर्णजयंतीपुरम, महेंद्रा एंक्लेव समेत कई इलाकों में रहने वालों को कई ऑटो बदल कर शहीद स्थल न्यू बस अड्डा स्टेशन तक पहुंचना होता है। फीडर बस सेवा होती तो लोगों को उनके मुहल्ले से ट्रांसपोर्ट सुविधा मिल जाती। हालांकि, कुछ महीने पहले डीएमआरसी ने जिला प्रशासन को पत्र लिख सुझाव दिया था कि परिवहन निगम के माध्यम से फीडर सेवा दी जा सकती है। यह सुझाव भी दिया था कि रोडवेज बसों के रूट मेट्रो स्टेशन के रास्ते शहर के बीच से किए जा सकते हैं।