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दिल्ली में गरजे किसान, कर्जा माफी समेत विभिन्न मांगों को लेकर उपराष्ट्रपति से की मुलाकात

किसानों का कहना है कि अन्नदाता कर्ज में डूबे हैं और रोज परेशान होकर किसान खुदकुशी कर रहे हैं। हरियाणा, पंजाब, यूपी, दिल्ली, राजस्थान सहित कई प्रदेशों के किसान प्रदर्शन में शामिल हैं।

By Amit MishraEdited By: Published: Tue, 13 Mar 2018 03:22 PM (IST)Updated: Wed, 14 Mar 2018 10:27 AM (IST)
दिल्ली में गरजे किसान, कर्जा माफी समेत विभिन्न मांगों को लेकर उपराष्ट्रपति से की मुलाकात
दिल्ली में गरजे किसान, कर्जा माफी समेत विभिन्न मांगों को लेकर उपराष्ट्रपति से की मुलाकात

नई दिल्ली [जेएनएन]। भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले नौ राज्यों से आए किसानों ने मंगलवार को संसद मार्ग में किसान पंचायत का आयोजन किया। किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू को किसानों का पूरा कर्ज माफ करने, फसल खरीद की गारंटी सुनिश्चित करने समेत विभिन्न मांगों को लेकर एक मांग पत्र सौंपा है।

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सरकार खेती-किसानी के मुद्दों पर गंभीर नहीं

संसद मार्ग पर मंगलवार को आयोजित हुई किसान पंचायत में बड़ी संख्या में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान मध्यप्रदेश, कर्नाटक और केरल से आए किसानों ने शिरकत की। पंचायत को संबोधित करते हुए भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि वर्तमान सरकार ने कृषि सुधार को लेकर जो नीतियां बनाई हैं, उससे सरकार की किसानों की प्रति असंवेदनशीलता नजर आती है। देश में कृषि संकट और बढ़ती आत्महत्याओं के बावजूद देश के बजट में कृषि के लिए की गई घोषणाएं दर्शाती हैं कि सरकार खेती-किसानी के मुद्दों पर गंभीर नहीं है।

अन्नदाता कर्ज में डूबे हैं

भारतीय किसान यूनियन के नेताओं ने कहा कि  देश कि अन्नदाता कर्ज में डूबा है। परेशान किसान खुदकुशी कर रहे हैं। यूनियन के नेताओं ने कहा कि सरकार कर्ज माफ कर स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करे। प्रदर्शन में शामिल किसानों ने यह भी कहा कि यदि सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है तो उसे 2019 के लोकसभा चुनावों में नतीजे भुगतने होंगे।

किसानों की अनदेखी 

किसान पंचायत में यूनियन के राष्ट्रीय सचिव युद्धवीर सिंह ने कहा कि भाजपा ने किसानों से वायदा किया था कि किसान आयोग की रिर्पोट के आधार पर किसानों को उत्पादन लागत में 50 फीसद जोड़कर फसलों का उचित एवं लाभकारी मूल्य दिया जाएगा, लेकिन वित्त मंत्री ने बजट में इसकी घोषणा गोलमोल व अस्पष्ट तरीके से की है।

किसानों की मांग 

उन्होंने बताया कि देश में सभी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करते हुए फसल खरीद की गारंटी सुनिश्चित करने, सरसों की खरीद एक मार्च एवं गेंहू की खरीद एक अप्रैल से शुरू करने, किसानों का कर्ज पूर्णत: माफ करने, कृषि क्षेत्र में लंबी समयावधि व ब्याज रहित कर्ज का प्रावधान करने, किसान क्रेडिट कार्ड पर कम ब्याज की सीमा को तीन लाख रुपये से बढ़ाकर पाच लाख तक करने और आत्महत्या करने वाले किसान के परिवार के लिए नीति बनाने की मांग को लेकर यह पंचायत आयोजित की गई। 

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