Move to Jagran APP

पुलिस इंस्पेक्टर बनकर IB अफसर पर रौब जमाना पड़ा महंगा, गिरफ्तार

दिल्ली में एक फर्जी पुलिस इंस्पेक्टर को गिरफ्तार किया गया है। आरोपित आइबी अफसर को रौब दिखा रहा था।

By Mangal YadavEdited By: Published: Mon, 10 Feb 2020 04:23 PM (IST)Updated: Mon, 10 Feb 2020 04:23 PM (IST)
पुलिस इंस्पेक्टर बनकर IB अफसर पर रौब  जमाना पड़ा महंगा, गिरफ्तार
पुलिस इंस्पेक्टर बनकर IB अफसर पर रौब जमाना पड़ा महंगा, गिरफ्तार

नई दिल्ली [अरविंद कुमार द्विवेदी]। पुलिस ने ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार किया है जो खुद को दिल्ली पुलिस का इंस्पेक्टर बताकर आइबी अधिकारी पर रौब जमा रहा था। आरोपित की पहचान नजफगढ़ निवासी संजय कुमार (46) के रूप में हुई है। पुलिस को उससे एसआइ के दो व इंस्पेक्टर का एक फर्जी आइकार्ड मिला है।

loksabha election banner

जांच में पता चला कि वह दिल्ली पुलिस का कर्मचारी नहीं है बल्कि कंप्यूटर पार्ट्स का ठेकेदार है और कई साल से दिल्ली पुलिस को कंप्यूटर पार्ट्स सप्लाई कर रहा है।

पांच फरवरी को एक सरकारी इमारत में घुसने के दौरान आइबी अधिकारी ने उसे जांच के लिए रोक लिया। इस पर दोनों में विवाद हो गया। मामला सरोजनी नगर थाना पहुंचा तो उसने बताया कि वह दिल्ली पुलिस में इंस्पेक्टर है। आइकार्ड दिखाने पर पुलिस ने मामला रफादफा कर दिया। लेकिन उसके आइकार्ड की फोटोकॉपी जमा करवा ली। जांच में यह आइकार्ड फर्जी पाया गया तो आरोपित को नजफगढ़ से गिरफ्तार कर लिया गया। संजय के पास से दो सब इंस्पेक्टर और एक इंस्पेक्टर का आइडी कार्ड और कई ब्लैंक आइडी कार्ड मिले हैं।

वरिष्ठ अधिकारियों से है पहचान

दरअसल, विभाग में ठेकेदारी के कारण उसकी पुलिस के कई वरिष्ठ अधिकारियों से जान पहचान भी है। पूछताछ में सामने आया है कि आरोपित कई संवेदनशील संस्थानों में बिना जांच के गया था। ऐसे में मामले को सुरक्षा से जोड़ कर देखा जा रहा है। पुलिस पता कर रही है वह इस आइडी कार्ड का कब से और क्यों इस्तेमाल कर रहा था।

21 हथियारों के साथ दो अंतरराज्यीय तस्कर पकड़े

उधर, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दो अंतरराज्यीय हथियार तस्करों को पकड़ा है। दोनों के पास से 11 सेमी ऑटोमैटिक पिस्टल और 10 तमंचों के साथ 50 कारतूस बरामद हुए हैं। आरोपितों की पहचान मध्य प्रदेश के मुरैना के गांव करेरापुरा निवासी संतोषी और मुरैना के ही गांव बीलपुर निवासी प्रीतम सिंह के रूप में हुई है। संतोषी पिछले चार वर्षो से हथियार तस्करी से जुड़ा हुआ है।

डीसीपी पीएस कुशवाह ने बताया कि स्पेशल सेल की टीम को सूचना मिली कि मध्यप्रदेश के मुरैना के दो हथियार तस्कर संतोषी और प्रीतम सिंह दिलशाद गार्डन आने वाले हैं। सूचना के आधार पर टीम ने सात फरवरी को शाम छह बजे दिलशाद गार्डन मेट्रो स्टेशन के पास से संतोषी और प्रीतम सिंह को हथियारों के साथ पकड़ लिया। उनके पास से 11 सेमी ऑटोमैटिक पिस्टल, 10 तमंचे, 32 बोर के 30 और 315 बोर के 20 कारतूस भी बरामद हुए।

पूछताछ में संतोषी ने बताया कि कुछ वर्ष पहले वह गांव में हुए एक झगड़े के मामले में मुरैना जेल गया था। वहां उसकी मुलाकात हथियार तस्करों से हुई। रिहा होने के बाद वह भी हथियारों की तस्करी करने लगा। वह अलीगढ़ से दो-तीन हजार रुपये में तमंचा और 7-8 हजार रुपये में पिस्टल खरीदता था और तमंचे को 4-5 हजार और 20-25 हजार रुपये में पिस्टल बेचता था। प्रीतम सिंह ने बताया कि तीन माह पहले रिश्तेदार के माध्यम से वह संतोषी के संपर्क में आया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.