12वीं पास युवक को लगा IPS बनने का चस्का, शार्ट कट ने पहुंचाया सलाखों के पीछे
बुधवार रात आरोपी अपनी गाड़ी में दिल्ली पुलिस का लोगो और पब्लिक एनाउंसमेंट सिस्टम (पीए सिस्टम) लगाकर हरिनगर इलाके में पिकेट पर तैनात पुलिसकर्मियों को दिशा-निर्देश दे रहा था।
नई दिल्ली, जेएनएन। 12वीं पास युवक को आइपीएस अधिकारी बनने के चस्के ने सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है। आइपीएस बनने के लिए कड़ी मेहनत और काफी पढ़ाई की जरूरत बनती है। इसके विपरीत, इस शख्स ने आइपीएस वाला रौब जमाने के लिए शार्ट कट तरीका निकाला। उसने इस शार्ट तरीके से कई बार पुलिस पर भी रौब झाड़ा है।
आरोपी खुद को आइपीएस अधिकारी दिखाने के लिए अपनी निजी गाड़ी पर पुलिस की लाल-नीली बत्ती लगाकर घूमता था। इस दौरान वह न केवल आम लोगों बल्कि पुलिस वालों पर भी रौब झाड़ता था। बुधवार रात आरोपी अपनी गाड़ी में दिल्ली पुलिस का लोगो और पब्लिक एनाउंसमेंट सिस्टम (पीए सिस्टम) लगाकर हरिनगर इलाके में पिकेट पर तैनात पुलिसकर्मियों को दिशा-निर्देश दे रहा था। इसी दौरान पश्चिम जिला पुलिस ने उसके झूठ को बेनकाब करते हुए गिरफ्तार कर लिया।
आरोपित की पहचान दिव्य मल्होत्र (34) के रूप में हुई है। उसके पास से एक एसेंट कार, दो लालबत्ती और एक पीए सिस्टम भी बरामद हुआ है। अब हरिनगर थाना पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। पश्चिम जिला पुलिस उपायुक्त मोनिका भारद्वाज ने बताया कि बुधवार रात पुलिस जनरल गश्त पर थी। इसलिए दिल्ली पुलिस के ज्यादातर अधिकारी भी गश्त पर थे।
इस दौरान हरिनगर इलाके में मिराज सिनेमा के पास पिकेट लगी थी। रात करीब 10.20 बजे एक एसेंट कार वहां आकर रुकी। कार पर लालबत्ती के साथ दिल्ली पुलिस का लोगो भी लगा था। उसमें बैठा युवक पिकेट पर मौजूद पुलिसकर्मियों को अपने पीए सिस्टम से दिशा-निर्देश देने लगा। शक होने पर पुलिसकर्मियों ने पूछताछ की तो उसने खुद को आइपीएस अधिकारी बताया, लेकिन पुलिसकर्मियों को यकीन नहीं हुआ। उन्होंने परिचय पत्र मांगा तो युवक असहज हो गया। इसके बाद खुद को एसीपी का बेटा बताकर अंजाम भुगतने की धमकी दी। पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने सच्चाई कबूल ली।
माता-पिता हैं डॉक्टर, खुद चलाता है साइबर कैफे
पुलिस के अनुसार आरोपित के माता-पिता डॉक्टर हैं। आरोपित युवक दिव्य मल्होत्रा ने पुलिस को बताया कि वह परिवार के साथ मीनाक्षी गार्डन में रहता है। मां सेवानिवृत्त चिकित्सक हैं और अब एक निजी कॉलेज में पढ़ाती हैं। उसके पिता घर में क्लीनिक चलाते हैं। वह खुद साइबर कैफे चलाता है। लोगों पर रौब झाड़ने के लिए वह आइपीएस अधिकारी बनकर कार में घूमता था। अब पुलिस इस बात का पता लगाने का प्रयास कर रही है कि इस तरह की हरकत कर उसने कितने लोगों को धोखा दिया और किन गतिविधियों में शामिल रहा है।