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Delhi Pollution: दिल्ली में एंटी डस्ट कैंपेन शुरू, निगरानी के लिए 12 सरकारी विभागों की 586 टीमें गठित

Delhi Pollution दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बयान जारी कर कहा है कि इस साल दिल्ली में प्रदूषण न फैले इसके लिए सरकार ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी है। निगरानी के लिए 12 सरकारी विभागों की 586 टीमें गठित कर दी गई है।

By AgencyEdited By: Pradeep Kumar ChauhanPublished: Thu, 06 Oct 2022 03:04 PM (IST)Updated: Thu, 06 Oct 2022 09:58 PM (IST)
Delhi Pollution: दिल्ली में एंटी डस्ट कैंपेन शुरू, निगरानी के लिए 12 सरकारी विभागों की 586 टीमें गठित
Delhi Pollution: निर्माण सामग्री की निगरानी के लिए 12 सरकारी विभागों की 586 टीमें गठित कर दी गई है।

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। प्रदूषण से जंग में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) लागू होने के बाद दिल्ली सरकर ने भी धूल प्रदूषण की रोकथाम के लिए बृहस्पतिवार से राजधानी में अभियान की शुरुआत कर दी। इसके तहत सड़कों पर 586 टीमों को उतारा गया है। यह टीमें पांच सौ वर्ग मीटर से ज्यादा बड़े निर्माण और ध्वस्तीकरण स्थलों की जांच करेंगी। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने पत्रकार वार्ता में बताया कि इन निर्माण स्थलों को 14 नियमों का पालन करना होगा। 

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दस हजार से लेकर पांच लाख तक जुर्माना लगाए जाने का प्रविधान

ऐसा नहीं करने वालों पर कार्रवाई होगी।राय ने बताया कि 12 अलग-अलग विभागों की टीमें दिल्ली में तमाम जगहों पर होने वाले निर्माण स्थलों की जांच करेंगी। इसमें डीपीसीसी की 33, राजस्व विभाग की 165, नगर निगम की 300 टीमें शामिल हैं।उन्होंने कहा कि 14 सूत्रीय नियमों का उल्लंघन करने वाले निर्माण स्थलों पर दस हजार से लेकर पांच लाख या उससे ज्यादा का भी जुर्माना लगाया जा सकता है। निर्माण स्थलों को बंद भी किया जा सकता है।

सड़कों पर उड़ने वाली धूल की रोकथाम के लिए पानी का छिड़काव करने के निर्देश पहले ही स्थानीय निकायों को दिए गए हैं।पर्यावरण मंत्री ने बताया कि दिल्ली में ग्रैप का पहला चरण लागू किया जा चुका है। इसके अनुसार अब 500 वर्ग मीटर से ज्यादा बड़े निर्माण स्थल ने अगर अपना रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है तो उसे निर्माण की अनुमति नहीं मिलेगी।

अभियान के साथ ही जांच करके ऐसे निर्माण स्थलों को बंद कर दिया जाएगा।पर्यावरण मंत्री ने दिल्ली के लोगों से भी धूल प्रदूषण की रोकथाम में सहयोग करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि अगर किसी को अपने आसपास निर्माण स्थलों पर धूल प्रदूषण और नियमों का पालन नहीं होता हुआ दिखे तो वह उसकी फोटो खींचकर ग्रीन दिल्ली मोबाइल एप पर अपलोड कर सकता है। इसकी जांच करके कार्रवाई की जाएगी।

क्या हैं निर्माण के चौदह नियम

  • 1 पांच वर्ग मीटर से बड़े सभी निर्माण व ध्वस्तीकरण स्थलों के चारों ओर ऊंची टिन की दीवार होनी चाहिए
  • 2. पांच हजार से दस हजार वर्ग मीटर पर एक, दस हजार से पंद्रह हजार वर्ग मीटर पर दो, पंद्रह से बीस हजार वर्ग मीटर पर तीन और बीस हजार वर्ग मीटर से ऊपर के निर्माण स्थलों पर चार एंटी स्माग गन लगाना होगा।
  • 3. निर्माण और ध्वस्तीकरण कार्य को तिरपाल या नेट से ढंकना अनिवार्य है, ताकि धूल उड़कर वातावरण में नहीं फैले।
  • 4. निर्माण सामग्री लाने और ले जाने वाले वाहनों की सफाई होनी चाहिए और टायरों पर लगी धूल को भी साफ किया जाना चाहिए।
  • 5. निर्माण व ध्वस्तीकरण सामग्री लाने व ले जाने वाले वाहनों को ढकना अनिवार्य है।
  • 6. ध्वस्तीकरण का मलबा चिह्नित जगहों पर डालना जरूरी है और इसकी पूरी निगरानी होनी चाहिए।
  • 7. निर्माण सामग्री जैसे मिट्टी और बालू आदि को बिना ढके नहीं रखा जा सकता है।
  • 8. निर्माण स्थल पर पत्थर की कटिंग का काम खुले में नहीं कर सकते हैं और इसके लिए वेट जेट का उपयोग करना होगा।
  • 9. निर्माण स्थल पर धूल प्रदूषण से बचाव के लिए लगातार पानी का छिड़काव किया जाना चाहिए।
  • 10. बीस हजार वर्ग मीटर से अधिक के स्थल पर पक्की सड़क बनाना जरूरी है ताकि वाहनों के आने-जाने से धूल नहीं उड़े।
  • 11. निर्माण और ध्वस्तीकरण से निकलने वाले अपशिष्ट को या तो स्थल पर ही रीसाइकिल किया जाना चाहिए या फिर उसके लिए चिह्नित जगहों पर ले जाना होगा।
  • 12. निर्माण व ध्वस्तीकरण सामग्री को वाहन पर चढ़ाने-उतारने में लगने वाले कर्मचारियों को डस्ट मास्क दिया जाना चाहिए।
  • 13. निर्माण स्थलों पर लगे सभी कामगारों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जानी चाहिए।
  • 14. धूल प्रदूषण कम करने के लिए जारी दिशा-निर्देसों का बोर्ड निर्माण स्थल पर लगा होना चाहिए।

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