Move to Jagran APP

गंभीर समस्या है अतिक्रमण, 2280 किमी सड़कों पर अवैध कब्जा, बेबस है दिल्ली

दिल्ली में सार्वजनिक जगहों पर हुए अतिक्रमण को गंभीरता से लेते हुए शीर्ष कोर्ट ने इसे बड़ी परेशानी का कारण बताया था।

By Amit MishraEdited By: Published: Fri, 07 Sep 2018 10:28 PM (IST)Updated: Fri, 07 Sep 2018 10:28 PM (IST)
गंभीर समस्या है अतिक्रमण, 2280 किमी सड़कों पर अवैध कब्जा, बेबस है दिल्ली
गंभीर समस्या है अतिक्रमण, 2280 किमी सड़कों पर अवैध कब्जा, बेबस है दिल्ली

नई दिल्ली, प्रेट्र। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की 2200 किमी से अधिक सड़क, फुटपाथ और गलियों में अवैध रूप से कब्जा कर रखा गया था। यह लंबाई नई दिल्ली से कन्याकुमारी जितनी है। शुक्रवार को यह टिप्पणी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह समस्या की गंभीरता को रेखांकित करता है।

loksabha election banner

गंभीर समस्या है अतिक्रमण
सुप्रीम कोर्ट की यह टिप्पणी कोर्ट को दी गई उस सूचना के बाद आई है, जिसमें उत्तरी दिल्ली म्यूनिसिपल कारपोरेशन (एनडीएमसी) ने 31 अगस्त को दावा किया था उसने 844.33 किमी, 811.01 किमी और 601.2 किमी सड़कों और फुटपाथों को अतिक्रमण से मुक्त कराया। इसी प्रकार से नई दिल्ली म्यूनिसिपल कारपोरेशन और डीडीए ने बताया था कि उन्होंने क्रमश: 11 किमी और 12.44 किमी सड़कों को अतिक्रमण से मुक्त कराया है। बता दें कि दिल्ली में सार्वजनिक जगहों पर हुए अतिक्रमण को गंभीरता से लेते हुए शीर्ष कोर्ट ने इसे बड़ी परेशानी का कारण बताया था।

सरकारी विभागों का उदासीन रवैया
जस्टिस मदन बी. लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता की पीठ ने अधिकारियों से कहा कि आप देख रहे हैं कि समस्या कितनी गंभीर है। इसको गंभीरता से लें। कोर्ट की मदद कर रहे एमिकस क्यूरी ने कहा कि अतिक्रमण बढ़ने की प्रमुख वजह जिम्मेदार सरकारी विभागों द्वारा उचित कार्रवाई नहीं करना है।

एसटीएफ की रिपोर्ट साझा नहीं करने पर कोर्ट खफा
सड़कों पर अतिक्रमण के साथ ही पीठ ने दिल्ली में वन भूमि और जल स्रोतों पर कब्जे का मामला भी सुना। इस दौरान निगरानी समिति द्वारा अतिक्रमण रोकने के लिए बनी एसटीएफ की रिपोर्ट साझा नहीं करने पर कहा कि कोर्ट के आदेश पर कमेटी का गठन किया गया है। अगर आप इस तरह का व्यवहार समिति के साथ करते हैं तो माना जाएगा कि आप ये अदालत के साथ कर रहे हैं। कमेटी द्वारा जल स्रोतों और वन भूमि पर कब्जे को चिंता का विषय बताने पर दिल्ली सरकार की तरफ से पेश वकील ने कहा कि वह इस संबंध में वन विभाग और दिल्ली जल बोर्ड द्वारा उठाए गए कदमों के संबंध में एक हलफनामा दायर करेंगे। कोर्ट ने दिल्ली विकास प्राधिकरण की तरफ से पेश एएसजी मनिंदर सिंह से एसटीएफ की रिपोर्ट वेबसाइट पर अपलोड कराने को कहा।

सीलिंग पर अगली सुनवाई 12 को
सीलिंग पर डिफाल्टरों को अग्रिम सूचना देने के मुद्दे पर केंद्र की तरफ से पेश एएसजी एएनएस नादकर्णी ने कहा कि वे एमिकस क्यूरी के साथ कार्रवाई के संबंध में बैठक पर सहमत हैं। इस पर पीठ ने इस मुद्दे पर 12 सितंबर को सुनवाई की बात कही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.