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Delhi Encroachment Drive: आइटीओ के पास अवैध अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई शुरू, पुलिस के साथ निगम अधिकारी मौजूद

Delhi Encroachment Drive निगम ने पहले 30 मई और एक जून को कार्रवाई करने की तैयारी की थी लेकिन प्रशासनिक कार्यों के चलते इसे टाल दिया गया था। निगम के एक अधिकारी ने बताया 50 प्रतिशत अवैध कब्जेधारों ने जगह को खाली कर दिया है।

By Abhishek TiwariEdited By: Published: Wed, 22 Jun 2022 12:00 PM (IST)Updated: Wed, 22 Jun 2022 12:00 PM (IST)
Delhi Encroachment Drive: आइटीओ के पास अवैध अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई शुरू, पुलिस के साथ निगम अधिकारी मौजूद
Delhi Encroachment Drive: आइटीओ के पास अवैध अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई शुरू

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आइटीओ के पास अवैध अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इस कार्रवाई के लिए मौके पर पुलिस के साथ नगर निगम अधिकारी पहुंचे हैं। निगम की कार्रवाई को देखते हुए स्थानीय निवासियों ने मौके से अपना सामान हटाया।

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इससे पहले अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के लिए निगम ने दिल्ली पुलिस उपायुक्त से फोर्स मांगी थी, जिसमें दो दिन तक अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है। निगम के अनुसार यहां पर 50 से अधिक अवैध ढांचों को गिराया जाना है। ऐसे में 22 और 23 जून के लिए सुरक्षा मुहैया कराई जाए।

निगम के रिकार्ड में उक्त स्थान सिंगल वे सार्वजनिक गली हैं, जिसमें लोगों ने कब्जा कर रहा है। एक स्वयंसेवी संस्था की शिकायत पर हाईकोर्ट के आदेश के बाद यह कार्रवाई की जा रही है।

पहले टल चुकी है कार्रवाई

उल्लेखनीय है कि निगम ने पहले 30 मई और एक जून को कार्रवाई करने की तैयारी की थी, लेकिन प्रशासनिक कार्यों के चलते इसे टाल दिया गया था। निगम के एक अधिकारी ने बताया 50 प्रतिशत अवैध कब्जेधारों ने जगह को खाली कर दिया है।

उक्त स्थान पर कार्रवाई दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर की जा रही है। संबंधित कब्जेदारों को जनसुनवाई के लिए सभी मौके दिए गए, लेकिन इसके मालिकाना हक से संबंधित दस्तावेज वह उपलब्ध कराने में विफल रहे हैं। जिसकी वजह यह कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।

बता दें कि कब्रिस्तान के बराबर में एक पूरी लेन कब्जा कर बना रखी है। जिसमें किताबों की बिक्री के साथ ही खान-पान और जीवन बीमा से संबंधित आफिस चलते हैं। हैरानी की बात है कि मूल कब्जेदारों ने इन दुकानों को लाखों की राशि में दूसरे लोगों को बेच दिया था।

यहां पर पहले निगम ने अवैध निर्माण के चलते बिजली के कनेक्शन काटने की भी कार्रवाई की थी। अतिक्रमण इस हद तक हैं कि दो-दो मंजिला दुकाने बना ली है। जिसे किराए पर चलाया जा रहा है। इतना ही नहीं इसका 8 से 15 हजार रुपये का कब्जेदार किराया भी ले रहे थे।


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