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AIIMS में ओपीडी पंजीकरण काउंटर पर मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे कर्मी

एम्स निदेशक प्रो. एम श्रीनिवास ने इस संबंध में सोमवार को आदेश जारी करते हुए 16 अक्टूबर से इस आदेश का पालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं। आदेश में कहा गया है कि काउंटर पर पंजीकरण के लिए मरीज लंबी कतारों में खड़े रहते हैं।

By Jagran NewsEdited By: Prateek KumarPublished: Mon, 03 Oct 2022 11:27 PM (IST)Updated: Mon, 03 Oct 2022 11:27 PM (IST)
AIIMS में ओपीडी पंजीकरण काउंटर पर मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे कर्मी
10 अक्टूबर से सर्जिकल ब्लाक में ही होंगे सर्जिकल ओपीडी के पंजीकरण।

नई दिल्ली [राहुल चौहान]। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की ओपीडी में मरीजों के पंजीकरण काउंटर पर ड्यूटी के दौरान आउटसोर्स कर्मचारी अब मोबाइल का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। काउंटर पर बैठने से पहले उन्हें अपना फोन जमा करना होगा। एम्स निदेशक प्रो. एम श्रीनिवास ने इस संबंध में सोमवार को आदेश जारी करते हुए 16 अक्टूबर से इस आदेश का पालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं। आदेश में कहा गया है कि काउंटर पर पंजीकरण के लिए मरीज लंबी कतारों में खड़े रहते हैं। इस दौरान ड्यूटी पर तैनात कर्मी कई बार फोन पर बात करते हैं जिससे काम प्रभावित होता है और मरीजों को समस्या होती है। इसलिए संबंधित प्रभारी कर्मियों की ड्यूटी शुरू होने से पहले उनके मोबाइल जमा करने के लिए एक बाक्स की भी व्यवस्था करें।

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10 अक्टूबर से सर्जिकल ओपीडी ब्लाक में ही होगा मरीजों का पंजीकरण

एम्स की सर्जिकल विभाग की ओपीडी में आने वाले मरीजों को अब पंजीकरण के लिए न्यू राजकुमारी अमृत कौर (आरकेएके) ओपीडी में नहीं जाना पड़ेगा। 10 अक्टूबर से सर्जिकल विभाग की ओपीडी में आने वाले मरीजों का पंजीकरण सर्जिकल ब्लाक में ही होगा। इससे संबंधित आदेश भी एम्स निदेशक ने सोमवार को जारी कर दिया है। उल्लेखनीय है कि सर्जिकल ओपीडी में आने वाले मरीजों को आरकेएके ओपीडी में पंजीकरण के लिए परेशानी का सामना करना पड़ता था।

50 नई बसें होंगी शुरू

वहीं, एक अन्य आदेश में एम्स में मरीजों और स्टाफ को गेट से लाने ले जाने के लिए चलने वाली बैटरी बसों और कार्ट की कमी को देखते हुए 50 और नई बसें शुरू की जाएंगी। जिससे मरीजों और तीमारदारों को आने-जाने में असुविधा न हो। इन बसों पर बड़े अक्षरों में लिखा रहेगा कि यह निशुल्क सेवा है। साथ ही सुरक्षाकर्मियों को भी ये निर्देश दिए गए हैं कि वे 50 बसें शुरू होने के बाद इस बात की निगरानी करेंगे कि मरीजों को लाने ले जाने में बस और कार्ट चालक किसी भी तरह की लापरवाही तो नहीं कर रहे हैं। मरीजों को किसी भी तरह की कोई असुविधा तो नहीं हो रही है।


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