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Modi Cabinet: 40 वर्षों के राजनीतिक तप से गुजर कर मोदी कैबिनेट तक पहुंचे हर्ष मल्होत्रा, जानिए कैसा रहा पूर्वी दिल्ली के सांसद का सफर

एक-एक कदम बढ़ाकर ही व्यक्ति जीवन में मंजिल तक पहुंचता है। भाजपा के साधारण कार्यकर्ता से केंद्रीय राज्य मंत्री बनने तक का हर्ष मल्होत्रा का राजनीतिक सफर ऐसा ही रहा। 40 वर्षों के तप का परिणाम उन्हें इस रूप में मिला है। छात्र रहते हुए युवा कार्यकर्ता के रूप में राजनीतिक जीवन की शुरुआत करके वह पार्षद महापौर के जिम्मेदार पद पर रहे।

By Ashish Gupta Edited By: Geetarjun Sun, 09 Jun 2024 10:40 PM (IST)
Modi Cabinet: 40 वर्षों के राजनीतिक तप से गुजर कर मोदी कैबिनेट तक पहुंचे हर्ष मल्होत्रा, जानिए कैसा रहा पूर्वी दिल्ली के सांसद का सफर
खुशी के बाद मिठाई खाते सांसद हर्ष मल्होत्रा।

आशीष गुप्ता, पूर्वी दिल्ली। एक-एक कदम बढ़ाकर ही व्यक्ति जीवन में मंजिल तक पहुंचता है। भाजपा के साधारण कार्यकर्ता से केंद्रीय राज्य मंत्री बनने तक का हर्ष मल्होत्रा का राजनीतिक सफर ऐसा ही रहा। 40 वर्षों के तप का परिणाम उन्हें इस रूप में मिला है। छात्र रहते हुए युवा कार्यकर्ता के रूप में राजनीतिक जीवन की शुरुआत करके वह पार्षद, महापौर के जिम्मेदार पद पर रहे और संगठन में तमाम दायित्वों का निर्वहन कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कैबिनेट में जगह बनाई है। पूर्वी दिल्ली से सांसद बनने वाले वह दूसरे व्यक्ति हैं, जो मंत्री की कुर्सी तक पहुंचे हैं। इनसे पहले यह गौरव एचकेएल भगत को प्राप्त हुआ था।

1984 में राजनीति में रखा कदम

हर्ष मल्होत्रा नवीन शाहदरा के एच-ब्लाक में रहते हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय से बीएससी और एलएलबी की डिग्री प्राप्त की है। छात्र जीवन के दौरान की हर्ष ने राजनीति की राह पर कदम बढ़ाए थे। वर्ष 1984 में वह यूथ विंग से जुड़े और युवा मोर्चा मंडल अध्यक्ष का दायित्व संभाला। वर्षों के राजनीतिक संघर्ष से गुजरते हुए वर्ष 2005 में वह भाजपा के नवीन शाहदरा जिले में महामंत्री बनाए गए। वर्ष 2007 में पदोन्नति देते हुए उन्हें जिलाध्यक्ष बना दिया गया। दायित्वों के प्रति उनकी निष्ठा को देखते हुए उन्हें जनसेवा के काम में उतारा गया।

कुपोषण के खिलाफ छेड़ी जंग, कंप्यूटर शिक्षा को दी तवज्जो

वर्ष 2012 में उन्हें वेलकम वार्ड से पार्षद का टिकट दिया गया। जीत दर्ज कर वह पूर्वी दिल्ली नगर निगम में पार्षद बने। विषयों के प्रति ज्ञान और गंभीरता को देखते हुए उन्हें निगम में शिक्षा समिति के चेयरमैन की जिम्मेदारी सौंपी गई। लगातार तीन वर्ष वह इस पद पर रहे। कुपोषित बच्चों को स्वस्थ बनाने की मुहिम ‘सुपोषण’ चलाई। इससे करीब 60 हजार बच्चों को स्वास्थ्य लाभ पहुंचा। निगम स्कूलों के बच्चों को कंप्यूटर शिक्षा देने की पहल भी इनकी ओर से की गई थी। वर्ष 2015 में इनको महापौर का दायित्व सौंपा गया था। निगम का मुखिया होने के नाते इन्होंने वेस्ट टू वेल्थ का नारा देते हुए अपशिष्ट प्रबंधन की की परियोजना शुरू की थी। कचरे से बिजली बनाने के काम का आगाज इन्हीं के महापौर रहते हुआ था। वह वर्तमान में भाजपा दिल्ली प्रदेश के महामंत्री हैं।

पहली बार में बने सांसद और मंत्री

हर्ष ने पहली बार लोकसभा चुनाव में भाग्य आजमाया। पूर्वी दिल्ली संसदीय सीट से जीत दर्ज कर वह सांसद बने। पहली बार में ही उन्हें केंद्रीय राज्य मंत्री का दायित्व सौंपा गया। पेशे से हर्ष मल्होत्रा उद्यमी हैं। झिलमिल औद्योगिक क्षेत्र में उनकी प्रिंटिंग की इकाई है।

देहदान की मुहिम से जुड़े हैं हर्ष

हर्ष उद्यमी और राजनीतिक फलक से अलग 24 वर्षों से समाज सेवा के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं। देह और अंग दान के लिए लोगों को प्रेरित करने की मुहिम के तहत वह काम करते हैं। वह दधीचि देहदान समिति के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं। वर्तमान में वह इस समिति के अध्यक्ष भी हैं।