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प्रॉपर्टी के नाम पर करोड़ों की धोखाधड़ी में अर्थ बिल्डर का वाइस प्रेसिडेंट गिरफ्तार

अर्थ इंफ्रास्ट्रक्चर ने प्रोजेक्ट पर कोई निर्माण नहीं किया। एक हजार से अधिक खरीदारों से फ्लैट देने के नाम पर करोड़ों रुपये वसूलने का है आरोप।

By Amit SinghEdited By: Published: Mon, 06 Aug 2018 04:07 PM (IST)Updated: Mon, 06 Aug 2018 04:07 PM (IST)
प्रॉपर्टी के नाम पर करोड़ों की धोखाधड़ी में अर्थ बिल्डर का वाइस प्रेसिडेंट गिरफ्तार
प्रॉपर्टी के नाम पर करोड़ों की धोखाधड़ी में अर्थ बिल्डर का वाइस प्रेसिडेंट गिरफ्तार

नोएडा (जेएनएन)। एक हजार से लोगों से फ्लैट और कॉमर्शियल प्रॉपर्टी की बुकिंग के नाम पर करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोपित अर्थ आइकॉनिक इंफ्रास्टक्चर लिमिटेड के वाइस प्रेसिडेंट अमित सतीजा को रविवार को नोएडा क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया है। मेरठ के रहने वाले हर्ष थापन ने कोतवाली सेक्टर-20 में एक साल पहले अर्थ बिल्डर के मालिकों और निदेशकों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

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बिल्डर के खिलाफ एनसीआर की अन्य कोतवालियों में भी धोखाधड़ी के कई मामले दर्ज हैं। कंपनी के पांच निदेशक पहले ही धोखाधड़ी के मामलो में गिरफ्तार हो चुके हैं। क्राइम ब्रांच, अमित सतीजा से पूछताछ कर रही है। सोमवार को उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा।

नोएडा के एसपी क्राइम अशोक कुमार ने बताया कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने 2006 में ग्रेटर नोएडा के टेक जोन-6 में अंसल एपीआइ बिल्डर को प्रोजेक्ट के लिये जमीन आवंटित की थी। इसे एसइजेड का अप्रूवल मिला था। यह प्रोजेक्ट जीबीयू के पास स्थित है। अंसल को 2016 तक प्रोजेक्ट पूरा करके खरीदारों को कब्जा देना था। लेकिन 2013 तक अंसल प्रोजेक्ट पर 15 से 20 फीसद तक काम ही पूरा कर पाया।

अंसल ने प्रोजेक्ट का काम समय से पूरा करने के लिये वर्ष 2013 में अर्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को को-डेवेलपर बनाया और 2016 तक 50 फीसद काम पूरा करने का लक्ष्य दिया था, ताकि आइटी इंडस्ट्री में कार्यरत व्यक्तियों को फ्लैट उपलब्ध कराये जा सकें।

आरोप है कि अर्थ इंफ्रास्ट्रक्चर की तरफ से प्रोजेक्ट पर कोई निर्माण कार्य नहीं किया गया और प्रोजेक्ट में गड्ढे खोद कर स्टूडियो अपार्टमेंट के नाम पर आइटी इंडस्ट्री से बाहर के लोगों को फ्लैट बेच दिए गए। उस पर प्रत्येक फ्लैट के लिए लगभग 20-20 लाख रुपये वसूलने का आरोप है। आरोप है कि उसने एक हजार से अधिक खरीदारों से फ्लैट देने के नाम पर करोड़ों रुपये वसूल हैं। धोखाधड़ी की जानकारी होने के बाद मेरठ के रहने वाले खरीदार हर्ष थापर ने पड़ताल की और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण व नोएडा एसइजेड के डेवलपमेंट कमिश्नर से शिकायत की।

हर्ष थापर का कहना है कि कमिश्नर ने एक कमेटी बनाई और प्रोजेक्ट पर जाकर जांच की। इस दौरान पाया गया कि बाहरी लोगों को फ्लैट बेचे गये हैं, जिन्हें नियमानुसार नहीं बेचा जाना था। अंसल एपीआइ को अर्थ इंफ्रास्टचर को जमीन बेचने का अधिकार नहीं था। इसके बावजूद अर्थ बिल्डर को जमीन बेच दी गई। हर्ष थापर ने वाणिज्य मंत्रालय में भी शिकायत की है और अर्थ आइकॉनिक इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के मालिकों, निदेशकों व कर्मचारियों पर वर्ष 2017 में कोतवाली सेक्टर-20 में रिपोर्ट दर्ज कराई गई।

इस मामले में पुलिस, बिल्डर कंपनी के निदेशक अतुल गुप्ता, अवधेश गोयल, रजनीश मित्तल, विकास गुप्ता व बुशरा असलम को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। फिलहाल बुशरा असलम जमानत पर है। वाइस प्रेसीडेंट अमित सतीजा काफी समय से फरार चल रहा था। अभी मैनेजर पुनीत आज्ञा व मदनदीप कौर फरार हैं। पुलिस ने अब उनकी तलाश तेज कर दी है।


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