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कोरोनाकाल में बुराड़ी थाने में तैनात एक इंस्पेक्टर ने अस्पतालों में नहीं होने दी थी आक्सीजन की कमी, जानिए कैसे करते थे मदद

देश-दुनिया वाले वह दृश्य कभी नहीं भूलेंगे जब लोगों की रक्षा के लिए खाकी कंधे पर आक्सीजन सिलेंडर लेकर दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों के साथ घरों तक पहुंच रहे थे। महामारी की लहर में जब स्वास्थ्य व्यवस्थाएं चरमराने लगीं तो दिल्ली पुलिस के जवानों ने मोर्चा संभाल लिया।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Tue, 10 Aug 2021 02:24 PM (IST)Updated: Tue, 10 Aug 2021 02:24 PM (IST)
कोरोनाकाल में बुराड़ी थाने में तैनात एक इंस्पेक्टर ने अस्पतालों में नहीं होने दी थी आक्सीजन की कमी, जानिए कैसे करते थे मदद
बुराड़ी थाने में तैनात इंस्पेक्टर ने दूसरी लहर में अस्पतालों में नहीं होने दी आक्सीजन की कमी।

नई दिल्ली, [धनंजय मिश्रा]। देश-दुनिया वाले वह दृश्य कभी नहीं भूलेंगे, जब लोगों की रक्षा के लिए खाकी कंधे पर आक्सीजन सिलेंडर लेकर दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों के साथ घरों तक पहुंच रहे थे। मई माह में कोरोना महामारी की लहर में जब स्वास्थ्य व्यवस्थाएं चरमराने लगीं तो दिल्ली पुलिस के जवानों ने लोगों की जान बचाने के लिए मोर्चा संभाल लिया। लोगों की रक्षा की जो शपथ ली, वह पुकार रही थी। सही समय पर आक्सीजन पहुंचाकर हजारों मरीजों की जान बचाने वालों में इंस्पेक्टर अशोक कुमार भी एक हैं।

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उन दिनों के हालातों को याद कर वह बताते हैं कि वह दृश्य आज भी उनके मन में एकदम ताजा है। दिन रात उनके पास मेडिकल आक्सीजन की मदद के लिए फोन आ रहे थे। अस्पतालों से लेकर संक्रमित मरीज पुलिस से आस लगाए हुए थे। ऐसे में लोगों तक आक्सीजन पहुंचाने के लिए उन्होंने कई रातें जागते हुए और आक्सीजन की जतन में काटीं। वह बताते हैं कि जैसे ही उनके पास मेडिकल आक्सीजन की कमी होने के फोन आते, वह तुरंत रिफिलिंग स्टेशन पर टीम के साथ पहुंचते थे। वहां से आक्सीजन भरवा कर ग्रीन कारिडोर बना अस्पताल तक पहुंचाते थे। अप्रैल व मई में उन्होंने 560 आक्सीजन सिलेंडर बुराड़ी क्षेत्र के दो अस्पतालों में पहुंचाए। इसके साथ ही कई ऐसे मरीज भी थे जिन्हें घर पर आक्सीजन मुहैया कराई।

उन्होंने बताया कि आक्सीजन की कमी के चलते सभी रिफि¨लग स्टेशन पर जरूरतमंदों की पहले से ही लंबी लाइन लगी होती थी। ऐसे में लोगों से सहायता मांग कर सिलेंडर भरवाए जाते थे। सामूहिक प्रयास से किया गया हालातों का सामनाअशोक कुमार का कहना है कि कोई भी काम सामूहिक प्रयास व उचित मार्गदर्शन से ही सफल होता है। उत्तरी जिले के डीसीपी एंटो अल्फोंस के नेतृत्व व मार्गदर्शन में एसीपी स्वागत पाटिल के दिशा निर्देशों के पालन से ही बुराड़ी थाने के कर्मचारियों ने दूसरी लहर का मुकाबला किया और जरूरतमंदों की हर संभव मदद की गई।

इन-इन तारीखों में इतने सिलेंडर पहुंचाए अस्पतालों में

तारीख-------------सिलेंडर

23 अप्रैल-----------25

25 अप्रैल-----------05

26 अप्रैल----------115

29 अप्रैल----------125

30 अप्रैल----------500

1 मई ------------600

5 मई -----------600

6 मई ------------600

7 मई -------------60


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