कोरोना से मृत शिक्षकों के स्वजन को 10 लाख तक की मदद करेगा डीयू
डीयू टीचर वेलफेयर फंड से आर्थिक मदद करेगा। बृहस्पतिवार को फंड के मैने¨जग कमेटी की महत्वपूर्ण बैठक हुई। इसमें एक मार्च 2021 से नए नियम लागू किए जाने संबंधी प्रस्ताव पास हुआ।एक मार्च के बाद जिन शिक्षकों की मौत हुई है उनके स्वजन को 10 लाख की आर्थिक मदद करेंगे।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण की चपेट में आकर दिल्ली विश्वविद्यालय के कई शिक्षकों का निधन हो चुका है। दिल्ली विश्वविद्यालय ने मृत शिक्षकों के स्वजन को आर्थिक मदद मुहैया कराने का निर्णय लिया है। डीयू टीचर वेलफेयर फंड से आर्थिक मदद करेगा। बृहस्पतिवार को फंड के मैनेजिंग कमेटी की महत्वपूर्ण बैठक हुई। इसमें एक मार्च 2021 से नए नियम लागू किए जाने संबंधी प्रस्ताव पास हुआ। तय हुआ कि एक मार्च के बाद जिन शिक्षकों की मौत हुई है, उनके स्वजन को अधिकतम 10 लाख रुपये की आर्थिक मदद की जाएगी।
स्वजन को अधिकतम 10 लाख रुपये की मदद दी जाएगी
40 वर्ष की आयु तक के शिक्षकों के स्वजन को अधिकतम 10 लाख, 50 वर्ष की आयु तक के शिक्षकों के स्वजन को आठ लाख एवं इससे ऊपर आयु वर्ग के शिक्षकों की मौत होने पर स्वजन को छह लाख रूपये की आर्थिक मदद की जाएगी। बैठक में तदर्थ शिक्षकों को भी फंड का सदस्य बनाने पर सहमति बनी । तय हुआ कि तदर्थ शिक्षकों के स्वजन को एकमुश्त पांच लाख रुपये की मदद की जाएगी। चाहे वे शिक्षक वेलफेयर फंड का सदस्य हो या नहीं।
तदर्थ शिक्षकों को भी मदद
फंड की वर्किंग कमेटी तदर्थ शिक्षकों की सदस्यता के लिए नियमावली तैयार करेगी। डीयू विद्वत परिषद के सदस्य डा. आलोक रंजन पांडेय ने बताया कि तदर्थ साथियों को फंड का सदस्य बनाने का स्वागत है। आलोक रंजन ने बैठक में आर्थिक सहायता राशि बढ़ाकर 30 लाख, 25 लाख, 20 लाख करने की बात की। डाॅ. जे.एल.गुप्ता और कार्यकारी परिषद की सदस्य डा. सीमा दास ने कहा कि केवल मार्च, 2021 ही नहीं, उसके पहले जितने भी शिक्षकों ने अपनी जान से हाथ धोया है उनके स्वजन को तय आर्थिक सहायता मिलनी चाहिए।