विवादों के बीच डीयू कुलपति प्रो. योगेश कुमार त्यागी का कार्यकाल खत्म, इन चीजों के लिए किए जाएंगे याद
कुलपति का कार्यकाल विवादों की वजह से जाना जाएगा। डीयू के 98 साल के इतिहास में पहली बार राष्ट्रपति ने कुलपति को निलंबित किया था। हालांकि शोध कार्यों को बढ़ावा देने के लिए इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस की स्थापना कुलपति द्वारा लिए गए फैसलों में अहम था।
नई दिल्ली [संजीव कुमार मिश्र]। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के कुलपति प्रो. योगेश कुमार त्यागी का कार्यकाल मंगलवार को समाप्त हो गया। प्रो. त्यागी ने मंगलवार दोपहर राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द और डीयू के प्रशासनिक अधिकारियों को ईमेल से इस्तीफा ईमेल से भेज दिया। कुलपति का कार्यकाल विवादों की वजह से जाना जाएगा। डीयू के 98 साल के इतिहास में पहली बार राष्ट्रपति ने कुलपति को निलंबित किया था। हालांकि शोध कार्यों को बढ़ावा देने के लिए इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस की स्थापना कुलपति द्वारा लिए गए फैसलों में अहम था। डीयू में अब नए कुलपति को लेकर अटकलों का दौर शुरू हो गया है।
विवादों भरा कार्यकाल
प्रो. त्यागी गत वर्ष जुलाई से ही मेडिकल लीव पर थे। अक्टूबर में डीयू की वेबसाइट पर प्रो. पीसी झा को दक्षिणी दिल्ली कैंपस निदेशक एवं बतौर कुलसचिव नियुक्ति संबंधी नोटिफिकेशन जारी किया गया, जिसके बाद कार्यवाहक कुलपति प्रो. पीसी जोशी ने प्रो. झा की नियुक्ति को गैरकानूनी ठहराते हुए कार्यकारी परिषद की बैठक आयोजित कर नए कुलसचिव के रूप में डा. विकास गुप्ता की नियुक्ति कर दी। विवाद इस कदर बढ़ा कि राष्ट्रपति ने एक जांच कमेटी गठित कर प्रो. योगेश कुमार त्यागी को निलंबित कर दिया गया।
पहली बार कुलपति का निलंबन
दिल्ली विवि शिक्षक संगठन (डूटा) के पूर्व अध्यक्ष श्रीराम ओबराय कहते हैं कि 1969 में श्यामलाल काॅलेज की गवर्निंग बाडी ने तीन शिक्षकों को निलंबित किया था। उस समय डूटा के नेतृत्व में शिक्षकों ने जमकर प्रदर्शन किया, जिसके बाद डीयू संविधान में संशोधन किया गया और तय हुआ कि कोई भी शिक्षक तब तक निलंबित नहीं किया जाएगा जब तक कुलपति की स्वीकृति न हो। किसे पता था कि एक दिन कुलपति को ही निलंबित कर दिया जाएगा।
घटनाक्रम की टाइम लाइन
-21 अक्टूबर- सुबह दस बजे डीयू वेबसाइट पर प्रो. पीसी झा की नियुक्ति संबंधी नोटिफिकेशन जारी।
-कार्यकारी परिषद ने प्रो. सुमन कुंडू को दक्षिणी कैंपस का निदेशक एवं डॉ विकास गुप्ता को कुलसचिव का कार्यभार सौंपा।
-23 अक्टूबर को डा. विकास गुप्ता ने नोटिस जारी कर कहा कि कार्यकारी कुलपति द्वारा जारी किए गए आदेशों को सभी विभागों द्वारा माना जाए।
--24 अक्टूबर को कुलसचिव डा. विकास गुप्ता ने सभी विभागों के प्रमुखों संग बैठक की।
-27 को राष्ट्रपति ने कुलपति के खिलाफ जांच को मंजूरी दी।
-28 अक्टूबर को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने आर्डर जारी किया। कुलपति को हटाया गया। कार्यकारी कुलपति प्रो. पीसी जोशी को बहाल किया गया।