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चार माह से वेतन नहीं मिलने से नाराज डीयू के शिक्षक 11 मार्च से करेंगे हड़ताल

बैठक में भीमराव अम्बेडकर कॉलेज के स्टाफ एसोसिएशन के कार्यकारिणी के सदस्य डॉ. सुजीत कुमार ने कहा कि यह अत्यंत आश्चर्य की बात है कि पिछले चार पांच महीने से वेतन की राशि का भुगतान न किए जाने के बाद भी दिल्ली के राज्यपाल और दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन मौन है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Wed, 10 Mar 2021 07:45 AM (IST)Updated: Wed, 10 Mar 2021 09:36 AM (IST)
डूटा ने डीयू के पूर्ण बंद का किया आह्वान!

नई दिल्ली [संजीव कुमार मिश्र]। DU Teachers Strike : दिल्ली सरकार द्वारा वित्तपोषित दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के 12 कॉलेजों में शिक्षकों को करीब चार माह से वेतन नहीं मिला है। दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संगठन (डूटा) ने मंगलवार को एक आपात बैठक बुलाई, जिसमें 11 मार्च से डीयू शिक्षकों के हड़ताल का निर्णय लिया गया। डूटा ने पूर्ण बंद का आह्वान किया है।

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बैठक में भीमराव अम्बेडकर कॉलेज के स्टाफ एसोसिएशन के कार्यकारिणी के सदस्य डॉ. सुजीत कुमार ने कहा कि यह अत्यंत आश्चर्य की बात है कि पिछले चार पांच महीने से वेतन की राशि का भुगतान न किए जाने के बाद भी दिल्ली के राज्यपाल और दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन मौन है। कहा, कोरोनकाल में घर का खर्च चलाना मुश्किल हो रहा है।

इन्होंने पूर्ण बंद का प्रस्ताव रखा जिसे सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से स्वीकार किया। डूटा उपाध्यक्ष आलोक रंजन पांडेय ने कहा कि शिक्षक 15 मार्च को दिल्ली विश्वविद्यालय के गेट नंबर एक से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास तक पैदल मार्च करेंगे व 18 मार्च को उपराज्यपाल ऑफिस तक पैदल मार्च होगा।

स्वरचित कविता पाठ का आयोजन

इधर, दिल्ली विश्वविद्यालय के नान-कालेजिएट वुमेन एजुकेशन बोर्ड (एनसीवेब) ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर राष्ट्र निर्माण में मातृशक्ति की भूमिका विषय पर एक आनलाइन स्वरचित कविता पाठ कार्यक्रम का आयोजन किया। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एम जगदेश कुमार बतौर मुख्य अतिथि और वरिष्ठ साहित्यकार मालविका जोशी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थीं। कार्यक्रम में एनसीवेब की छात्राओं ने भारतीय परिवेश में महिलाओं की स्थिति को कविताओं के माध्यम से प्रस्तुत किया। सोनी जैन व प्रियंका कुमारी को प्रथम, खुशी चौहान को द्वितीय व नेहा अंसारी को तृतीय पुरस्कार दिया गया।

साहित्यकार मालविका जोशी ने एक स्त्री के घर व बाहर के जीवन के सामंजस्य को लेकर अपनी बात कही तथा स्त्री के लिए उसके स्वतंत्र रूप से जीने को जरूरी बताया। प्रो. एम जगदेश कुमार ने महिलाओं के योगदान को रेखांकित किया। साथ ही उन्होंने छात्रओं को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने न केवल योग्यता को पहचानने पर बल दिया, बल्कि उसके अनुरूप परिश्रम करने को भी महत्वपूर्ण बताया। कार्यक्रम का संचालन एनसीवेब के उप-निदेशक डा. उमाशंकर पांडेय ने किया।


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