DU Admission: संकाय बदलने पर अंक काटने के खिलाफ एक और याचिका
याचिकाकर्ता ने मुद्दा उठाया कि सीबीएसई में दर्शनशास्त्र नहीं पढ़ाया जाता है। अब जब वह स्नातक में दर्शनशास्त्र की पढ़ाई करना चाहती हैं तो उनके ढाई फीसद अंक क्यों काटे जा रहे हैं।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। प्रवेश के दौरान संकाय में बदलाव करने पर ढाई फीसद अंक काटने के दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के नियम के खिलाफ एक और याचिका दिल्ली हाई कोर्ट में दाखिल की गई है। याचिकाकर्ता छात्रा मोली कालरा ने मुद्दा उठाया कि सीबीएसई में दर्शनशास्त्र नहीं पढ़ाया जाता है। अब जब वह स्नातक में दर्शनशास्त्र की पढ़ाई करना चाहती हैं तो उनके ढाई फीसद अंक क्यों काटे जा रहे हैं।
वहीं, इसी मामले की मूल याचिका पर भी न्यायमूर्ति अनु मल्होत्रा की पीठ के समक्ष सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता मुस्कान मल्होत्रा की तरफ से पीठ के समक्ष अधिवक्ता प्रवीन कुमार ने कहा कि ढाई फीसद अंक काटने का डीयू ने कोई आधार नहीं बताया है और न ही अकादमिक परिषद ने इसकी कोई स्वीकृति दी है।
डीयू ने यह भी नहीं बताया कि इससे डीयू और छात्रों को क्या फायदा होगा। कहा कि यह नियम अवैध है और संविधान के समता के अधिकार का उल्लंघन करता। पीठ ने सुनवाई के बाद याचिका को 9 जुलाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया।
गौरतलब है कि स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के संबंध में डीयू के नवीनतम दिशानिर्देशों के अनुसार छात्र अगर स्नातक के लिए उस संकाय का चयन करता है, जिसमें उसने 12वीं की पढ़ाई नहीं की है तो 2.5 फीसद अंक की कटौती की जाएगी।