बदल चुके हैं हालात, ऑड-इवेन को नहीं मिलेगा डीटीसी की पुरानी बसों का साथ
परिवहन निगम ने पिछले साल ऑड-इवेन फार्मूला लागू करने से पहले डिपो में पड़ी दिल्ली परिवहन निगम की पुरानी बसो को उतार दिया था, लेकिन एक साल के दौरान ये बसें पूरी तरह खटारा हो चुकीं हैं।
नई दिल्ली [जेएनएन]। दो साल पहले का मंजर कुछ और था जब प्रदूषण को मात देने के लिए दिल्ली सरकार ने एक नहीं दो बार ऑड-इवेन का प्रयोग किया। इसके लिए दिल्ली सरकार ने तैयारियां भी अच्छी की थीं। इस बार दिल्ली सरकार ने ऑड-इवेन लागू करने के लिए कोई तैयारी नहीं की है।
आनन-फानन में दिल्ली परिवहन विभाग ने पहले पुरानी व खटारा बसों को सड़कों पर उतारा था वे बसें भी लगभग दम तोड़ चुकी हैं। दिल्ली की आबोहवा दूषित होने के बाद सरकार स्कूल पहले ही बंद हो चुके हैं।
परिवहन व्यवस्था दुरुस्त नहीं
सोमवार से ऑड-इवेन शुरू होने के बाद इन स्कूलों से बसों को लेकर सड़कों पर आम लोगों के लिए दौड़ाना संभव भी नहीं होगा। जानकारों का कहना कि परिवहन व्यवस्था पहले से ही दुरुस्त नहीं है। बसों की जगह लोग निजी वाहन लेकर सड़कों पर उतरेंगे तो जाम की स्थिति से भी प्रशासन को निपटना होगा।
सड़कों पर बोझ बढ़ने की संभावना
सार्वजनिक वाहनों की कमी से ठंड के इस मौसम में बच्चों के साथ घर से बाहर निकलना आसान नहीं है ऐसे में लोग निजी वाहन का प्रयोग करेंगे। इससे सड़कों पर बोझ बढ़ने की संभावना है। जानकारों का कहना है कि दिल्ली परिवहन निगम ने पिछले साल ऑड-इवेन फार्मूला लागू करने से पहले डिपो में पड़ी दिल्ली परिवहन निगम की पुरानी बसो को उतार दिया था, लेकिन एक साल के दौरान ये बसें पूरी तरह खटारा हो चुकीं हैं।
खस्ताहाल हैं बसें
आम दिनों में ये बसें बीच सड़क पर बंद हो जाती हैं यात्रियों को बीच में उतरकर विकल्प इसलिए भी तलाशना पड़ता था क्योंकि डिपो में बसें इस काबिल भी नहीं रहीं कि जो लोग बीच रास्ते में खड़े हैं उन्हें आगे तक पहुंचाया जा सके।
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