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Delhi Pollution News: कौन सी औद्योगिक इकाई फैला रही यमुना में प्रदूषण, पता लगाएगी डीपीसीसी

Delhi Pollution News दिल्ली में यमुना में प्रदूषण का स्तर चिंताजनक बना हुआ है। ऐसे में दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) अब यह पता लगाएगी कि दिल्ली के औद्योगिक क्षेत्रों में कुल कितनी इकाइयां चल रही हैं।

By Jp YadavEdited By: Published: Mon, 09 Aug 2021 09:38 AM (IST)Updated: Mon, 09 Aug 2021 09:38 AM (IST)
Delhi Pollution News: कौन सी औद्योगिक इकाई फैला रही यमुना में प्रदूषण, पता लगाएगी डीपीसीसी
Delhi Pollution News: कौन सी औद्योगिक इकाई फैला रही यमुना में प्रदूषण, पता लगाएगी डीपीसीसी

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। दिल्ली में यमुना में प्रदूषण का स्तर चिंताजनक बना हुआ है। ऐसे में दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) अब यह पता लगाएगी कि दिल्ली के औद्योगिक क्षेत्रों में कुल कितनी इकाइयां चल रही हैं। सर्वे का मकसद यह पता लगाना है कि कौन सी इकाई पानी का प्रदूषण फैला रही हैं और उनके पास किसी तरह की स्वीकृति है या नहीं। डीपीसीसी ने इसे लेकर सभी 28 औद्योगिक क्षेत्रों को पत्र भेज दिया है। डीपीसीसी अधिकारियों के अनुसार बिना मंजूरी के चल रही इकाइयों से निकलने वाला प्रदूषित पानी नालों के जरिए सीधा यमुना में जा रहा है और उसे प्रदूषित कर रहा है।

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पटपड़गंज औद्योगिक क्षेत्र से शुरू होगा सर्वे

डीपीसीसी के अनुसार यह सारी एक लंबी प्रक्रिया है। इस तरह का सर्वे पहले हुआ नहीं है। इस सर्वे में यह पता लगाया जाएगा कि हर औद्योगिक क्षेत्र में वास्तविक तौर पर कितनी इकाइयां चल रही हैं। सर्वे पटपड़गंज औद्योगिक क्षेत्र से शुरू हो रहा है। इसके लिए डीपीसीसी की टीमें हर चालू इकाई में डोर टु डोर जा रही हैं और उसकी प्रक्रिया समझ रही हैं।

दिल्ली में अभी 13 सीईटीपी

डीपीसीसी अलग-अलग श्रेंणियों में औद्योगिक इकाइयों को उनके काम के हिसाब से मंजूरी देती हैं। इस सर्वे में यह साफ हो पाएगा कि किसी श्रेणी की कितनी इकाइयां राजधानी में हैं और कितनी इकाइयों ने अनुमति ली हुई है। गौरतलब है कि सभी औद्योगिक इकाइयों को अपने यहां ईटीपी (इफ्ल्यूएंट ट्रीटमेंट प्लांट) लगाना होता है। यहां से यह पानी सीधे बड़े कामन ईटीपी (सीईटीपी) में पहुंचता है। डीपीसीसी के अनुसार ऐसा देखा गया है कि कुछ क्षेत्रों में यह गंदा पानी सीधा नाले-नालियों में जा रहा है और वह सीईटीपी में पहुंचता ही नहीं है। राजधानी में अभी 13 सीईटीपी हैं। 


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