शीला की ताजपोशी पर कांग्रेस ने किया शक्ति प्रदर्शन, जानें किसने कहा 'वह' दिल्ली के लिए शुभ हैं
पदभार ग्रहण करते ही शीला ने टूटी हुई कांग्रेस को जोड़ना पहली प्राथमिकता बताया वहीं आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन की संभावना से साफ इन्कार कर दिया।
नई दिल्ली, जेएनएन। पंडितों के मंत्रोच्चार, कार्यकर्ताओं की नारेबाजी, हजारों की भीड़, राष्ट्रीय नेताओं की शुभकामनाओं और पुष्पवर्षा के बीच पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने बुधवार को तीनों कार्यकारी अध्यक्षों हारून यूसुफ, देवेंद्र यादव और राजेश लिलोठिया के साथ दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाल ली। खास बात यह रही कि शीला के प्रदेश अध्यक्ष बनते ही पार्टी में एकजुटता भी नजर आने लगी है।
पदभार ग्रहण करते ही शीला ने टूटी हुई कांग्रेस को जोड़ना पहली प्राथमिकता बताया वहीं आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन की संभावना से साफ इन्कार कर दिया। शीला ने अपने संक्षिप्त वक्तव्य में कहा, आज यहां दिल्ली के कोने-कोने से इतनी बड़ी संख्या में आए कांग्रेस कार्यकर्ताओं को देखकर दिल भर आया। लेकिन, यहां आना भर पर्याप्त नहीं है।
हमें पार्टी की मजबूती के लिए मिलकर काम भी करना होगा। कांग्रेस को उस स्थान पर ले जाना है, जहां कोई और दिल्ली में राज न कर सके। दिल्ली की सभी सीटें हम वापस लेकर रहेंगे। इसके लिए मैं खुद भी 24 घंटे पार्टी के लिए काम करूंगी और मेरी टीम भी।
पत्रकारों से बातचीत में आप के साथ गठबंधन के सवाल पर शीला ने साफ तौर पर ना कहा। उनका कहना था, राजीव गांधी के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव लाना गलत था। ऐसे में हम किसी गठबंधन के बारे में सोच भी नहीं सकते। शीला की ताजपोशी के बहाने दिल्ली में कांग्रेस का शक्ति प्रदर्शन भी देखने को मिला। जहां हजारों की संख्या में कार्यकर्ता जमा थे।
इस दौरान पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार, पूर्व सांसद डॉ. कर्ण सिंह, जनार्दन द्विवेदी, जगदीश टाइटलर, जयप्रकाश अग्रवाल, संदीप दीक्षित, महाबल मिश्रा, दिल्ली प्रभारी पीसी चाको, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा, शीला कैबिनेट में रहे पूर्व मंत्री अरविंदर सिंह लवली, डॉ. एके वालिया, मंगतराम सिंघल, किरण वालिया, रमाकांत गोस्वामी, राजकुमार चौहान, डॉ. नरेंद्र नाथ, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ. योगानंद शास्त्री, एआइसीसी सदस्य ओमप्रकाश विधूड़ी, प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष शर्मिष्ठा मुखर्जी, प्रदेश युवक कांग्रेस अध्यक्ष विकास छिकारा, प्रदेश सेवादल अध्यक्ष सुनील कुमार, एनएसयूआइ अध्यक्ष अक्षय लाकड़ा इत्यादि ढेरों वरिष्ठ नेता एवं संगठन पदाधकारियों ने इस कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। मंच पर भी करीब 40 कद्दावर नेताओं का स्थान आरक्षित था।
अपने काारण से हारे गोवा और मणिपुर : डॉ. कर्ण सिंह
दिल्ली में जितना विकास शीला दीक्षित के कार्यकाल में हुआ, वह अविस्मरणीय है। एक बार फिर दिल्ली में काम करने की जरूरत है। इसके लिए कांग्रेस का पुनरुत्थान भी बहुत जरूरी है। बहुत काम करना होगा, जनता का भरोसा जीतना होगा। जैसे तीन राज्य जीते हैं, वैसे ही दिल्ली भी जीतेंगे। जीत तो हम गोवा और मणिपुर भी जाते, लेकिन अपनी ही नालायकी से हार गए।
दिल्ली पर सही लोगों का कब्जा होना चाहिए : मीरा कुमार
यह लोग जो आज देश और दिल्ली में आ गए हैं, वे जोड़ नहीं रहे बल्कि तोड़ रहे हैं। आपस में लड़ा रहे हैं। इन्हें हराना होगा। दिल्ली पर सही लोगों का शासन होना चाहिए। तस्वीर बदलने का समय है, चूकिएगा मत। फहरा दीजिए इस बार जीत का परचम।
शीला दीक्षित दिल्ली कांग्रेस के लिए शुभ : जनार्दन द्विवेदी
शीला दीक्षित दिल्ली कांग्रेस के लिए शुभ हैं। दिल्ली की जनता और प्रकृति दोनों उनका साथ देती हैं। हालांकि आज हम कांग्रेस के सामने आजादी के बाद से अब तक की सबसे बड़ी चुनौती झेल रहे हैं। उम्मीद है कि शीला जी इसका मुकाबला कर पाएंगी।
कांग्रेस ही कर सकती देश और दिल्ली का बेहतर विकास : माकन
आज हर दिल्लीवासी सत्ता में कांग्रेस की वापसी चाह रहा है। दिल्ली में शीला दीक्षित को विकास का पर्याय मान लिया गया है। सच यह भी है कि कांग्रेस ही देश और दिल्ली का बेहतर विकास कर सकती है।