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बारिश के पानी को घर में स्टोर नहीं किया तो देना पड़ेगा जुर्माना, जल बोर्ड ने दिखाई सख्ती

500 वर्ग मीटर से बड़े भूखंडों के भवनों में वर्षा जल संग्रहण की व्यवस्था नहीं करने वालों पर भारी भरकम जुर्माना लगाया जा रहा है।

By Edited By: Published: Tue, 02 Jul 2019 08:18 PM (IST)Updated: Wed, 03 Jul 2019 10:49 AM (IST)
बारिश के पानी को घर में स्टोर नहीं किया तो देना पड़ेगा जुर्माना, जल बोर्ड ने दिखाई सख्ती

नई दिल्ली [ रणविजय सिंह]। घरों में वर्षा जल संग्रहण यंत्र लगाकर पानी बचाने के लिए लंबे समय से जागरूकता कार्यक्रम चलाया जाता रहा है। इस जागरूकता कार्यक्रम का खास फायदा दिल्ली को नहीं हुआ। इसलिए बड़े पैमाने पर हो रहे भूजल दोहन से चिंतित जल बोर्ड ने जल संग्रहण के लिए सख्ती शुरू कर दी है। इसके तहत 500 वर्ग मीटर से बड़े भूखंडों के भवनों में वर्षा जल संग्रहण की व्यवस्था नहीं करने वालों पर भारी भरकम जुर्माना लगाया जा रहा है। इस क्रम में जल बोर्ड 11 हजार 635 उपभोक्ताओं पर 48.68 करोड़ जुर्माना ठोका है।

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जल बोर्ड के अधिकारी कहते हैं कि यदि उपभोक्ता जुर्माने से बचना चाहते हैं तो अपने भवनों में वर्षा जल संग्रहण की व्यवस्था अनिवार्य रूप से करें। जल बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वर्षा जल संग्रहण के लिए बड़े पैमाने पर कार्यक्रम शुरू किया गया है। जल संग्रहण की व्यवस्था नहीं करने पर आने वाले दिनों में और लोगों के खिलाफ जुर्माना लगाया जाएगा।

असल में दिल्ली में 100 वर्ग मीटर से बड़े सभी संपत्तियों में वर्षा जल संग्रहण यंत्र लगाना अनिवार्य है। इसके प्रति लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए जल बोर्ड ने वर्षा जल संग्रहण करने वालों को पानी के बिल में 10 फीसद की छूट देने का प्रावधान पहले से है। इसके अलावा 500 वर्ग मीटर से बड़े भूखंड के भवनों में वर्षा जल संग्रहण यंत्र नहीं लगाने पर पानी का डेढ़ गुना बिल वसूलने का प्रावधान है।

जल बोर्ड लंबे समय से जुर्माने के प्रावधान को लागू करने से बचता रहा, लेकिन कई इलाकों में भूजल स्तर हर साल चार मीटर तक नीचे गिरने पर जुर्माने का प्रावधान किया गया। जुर्माने से बचने के लिए अब जल संग्रहण के लिए आगे आ रहे लोग बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जुलाई 2017 से जुर्माना शुरू किया गया है।

इसके बाद से अब तक 11 हजार 635 उपभोक्ताओं पर जुर्माना किया गया। जिसमें व्यावसायिक श्रेणी के उपभोक्ताओं के अलावा हजारों आवासीय श्रेणी के उपभोक्ता भी शामिल हैं। देखा जा रहा है कि इस कार्रवाई से बचने के लिए लोग धीरे-धीरे वर्षा जल संग्रहण यंत्र लगाने के लिए आगे आ रहे हैं। यही वजह है कि 1415 उपभोक्ताओं को पानी के बिल में 32.56 करोड़ की छूट दी गई है।

पहले छूट पाने वाले उपभोक्ताओं की संख्या सौ से भी कम थी। क्यों जरूरी है वर्षा जल संरक्षण भूजल स्तर गिरने से पानी की गुणवत्ता भी प्रभावित हुई है। दिल्ली में 13, 491 मिलियन क्यूसेक मीटर (एमसीएम) पानी उपलब्ध है। इसका 10,238 एमसीएम पानी खारा है। सिर्फ 3,207 एमसीएम साफ भूजल बचा है। फिर भी भूजल दोहन ज्यादा व रिचार्ज कम हो रहा है। जबकि वर्षा के 175 मिलियन क्यूसेक मीटर पानी को संग्रहित कर भूजल स्तर बढ़ाया जा सकता है।

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