क्या आप जानते हैं यूपी के इस शहर में नौकरी करने वालों के एक सेकेंड की कीमत?
नोएडा इलेक्ट्रॉनिक सिटी से मोहननगर तक फेज-तीन के तहत मेट्रो कॉरिडोर बनाने की जरूरत बयां करने के लिए दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने इतनी बारीक गणना तक की है।
गाजियाबाद [आशीष गुप्ता]। आपके ड्यूटी के वक्त का एक-एक सेकेंड कीमती है। किसी ने शायद ही एक सेकेंड की कीमत जानने का प्रयास किया हो। नोएडा इलेक्ट्रॉनिक सिटी से मोहननगर तक फेज-तीन के तहत मेट्रो कॉरिडोर बनाने की जरूरत बयां करने के लिए दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने इतनी बारीक गणना तक की है। जीडीए को सौंपी उनकी सर्वे रिपोर्ट बताती है कि मोहननगर, वसुंधरा, इंदिरापुरम के रास्ते नौकरी करने नोएडा जाने वाले शहरवासी और नोएडा से यहां आने वालों व्यक्तियों की मासिक औसत आय 30,139 रुपये है। उनके लिए ड्यूटी आवर्स के दौरान एक सेकेंड की कीमत 2.09 रुपये है। अगर यह मेट्रो चलते हैं तो समय के साथ इनके पैसे भी बचेंगे। ड्यूटी पर पहुंचने में लेट नहीं होंगे। वेतन कटौती से बचेंगे। परिवार को भी समय दे पाएंगे।
समय और पैसे की बचत पर 83.59 फीसद का बहुमत
इस कॉरिडोर के लिए कराए गए सर्वे में डीएमआरसी ने पाया कि लोग समय और पैसे की बचत के लिए मेट्रो रेल का संचालन चाहते हैं। 83.59 फीसद लोगों ने सर्वे टीम को यह जवाब दिया है, जबकि, 8.70 फीसद ने केवल समय की बचत बताई। 7.72 फीसद लोगों ने पैसों की बचत के लिए मेट्रो की जरूरत बताई।
टीम ने सीआइएसएफ मैरिज हॉल, शांति गोपाल नर्सिंग होम, कनावनी पुलिस चौकी और जनहितकारी अपार्टमेंट के पास सर्वे किया था। कार, जीप, मोटरसाइकिल, स्कूटर और बस के माध्यम से आने-जाने वाले लोगों को इसमें शामिल किया गया। यह भी सामने आया कि 74.14 फीसद रोजाना सफर करना चाहते हैं। 13.64 फीसद लोगों ने सप्ताह में एक बार सफर करने की इच्छा जताई है। 4.17 फीसद महीने में कभी-कभार सफर करना चाहते हैं। 8.05 फीसद ने कहा कि वह संयोगवश इसका इस्तेमाल करेंगे।
- ये तथ्य भी जानिए
- यह मेट्रो कॉरिडोर 5.917 किलोमीटर लंबा होगा
- 1866 करोड़ रुपये बनाने में आएगी लागत
- वैभव खंड, डीपीएस इंदिरापुरम, शक्ति खंड, वसुंधरा सेक्टर-पांच, वसुंधरा सेक्टर-दो और मोहन नगर प्रस्तावित।
किस वर्ग के कितने लोगों को चाहिए मेट्रो
- प्राइवेट सेक्टर कर्मचारी : 66.92 फीसद
- विद्यार्थी : 13.82 फीसद
- सरकारी कर्मचारी : 4.47 फीसद
- बेरोजगार : 3.73 फीसद
- गृहणी : 1.42 प्रतिशत
- रिटायर्ड कर्मचारी : 0.93 फीसद
- अन्य वर्ग : 4.32 फीसद
(डीएमआरसी की सर्वे रिपोर्ट)
वहीं, कंचन वर्मा (वीसी, जीडीए) के मुताबिक, डीएमआरसी की डीपीआर में कई सर्वे रिपोर्ट हैं। उनमें आय वर्ग को लेकर भी ब्योरा दिया गया है। हर तरह से मेट्रो-फेज तीन की जरूरत बताई गई है।
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