Delhi News: 11 राजस्व जिलों के डीएम बताएंगे गाद से भरे नालों की जमीनी हकीकत
जमीनी सच्चाई का काम संबंधित जिला मजिस्ट्रेट द्वारा व्यक्तिगत रूप से किया जाएगा और इस संबंध में किसी भी प्रतिनिधिमंडल की अनुमति नहीं है। आदेश में आगे लिखा है संबंधित अधिकारियों द्वारा नाले की गाद निकालने के संबंध में संदेह होने पर जिला मजिस्ट्रेट नाले में पानी डाल सकते हैं।
नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। राष्ट्रीय राजधानी के 11 राजस्व जिलों के जिलाधिकारियों को बाढ़ एवं सिंचाई विभाग तथा अन्य स्थानीय निकायों द्वारा नालों की गाद निकालने की जमीनी हकीकत जानने को कहा गया है। एक बैठक के दौरान राजस्व विभाग को उप-पंजीयक कार्यालयों में फेसलेस लेनदेन के साथ-साथ ई-कोर्ट परियोजना के कार्यान्वयन में तेजी लाने के निर्देश भी जारी किए गए।
जारी आदेश के अनुसार, ''सभी जिला मजिस्ट्रेट व्यक्तिगत रूप से बाढ़ और सिंचाई विभाग और स्थानीय निकाय विभाग द्वारा किए गए नालों के काम की जमीन की सच्चाई जानें। जमीनी सच्चाई का काम संबंधित जिला मजिस्ट्रेट द्वारा व्यक्तिगत रूप से किया जाएगा और इस संबंध में किसी भी प्रतिनिधिमंडल की अनुमति नहीं है।'' आदेश में आगे लिखा है, ''संबंधित अधिकारियों द्वारा नाले की गाद निकालने के संबंध में संदेह होने पर जिला मजिस्ट्रेट नाले में पानी डाल सकते हैं।
'' अगले सप्ताह तक काम पूरा किया जाना चाहिए। बैठक में यह भी बताया गया कि राजस्व विभाग द्वारा ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत 31 मापदंडों को लागू किया जाना बाकी है। आदेश में कहा गया है, ''इन मापदंडों को 31 अक्टूबर, 2022 तक लागू किया जाना चाहिए।'
'मालूम हो कि जैसे ही दिल्ली में बृहस्पतिवार को पहली बार मानसून की बारिश हुई, प्रगति मैदान सुरंग, आइटीओ, रिंग रोड, बारापुल्ला कॉरिडोर, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे और सराय काले खां सहित कई क्षेत्रों में जलभराव देखा गया, जिससे बड़े पैमाने पर ट्रैफिक जाम हो गया। संबंधित अधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर इन मापदंडों की वर्तमान स्थिति और उनके कार्यान्वयन की संभावित समाप्ति तिथि का संकेत देते हुए एक संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत करने के लिए भी कहा गया है।