DMRC ने रचा इतिहास, दिल्ली में पहली बार चली सौर ऊर्जा से मेट्रो
दिल्ली में बृहस्पतिवार को पहली बार सौर ऊर्जा से मेट्रो चली। वायलेट लाइन पर जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम से केंद्रीय सचिवालय के बीच इसका परिचालन हुआ।
नई दिल्ली(राज्य ब्यूरो)। प्रदूषण नियंत्रण में दिल्ली मेट्रो की खास पहचान रही है। इस क्रम में प्रदूषण नियंत्रण व पर्यावरण संरक्षण की दिशा में दिल्ली मेट्रो ने एक और बड़ी छलांग लगाई है। मध्य प्रदेश के रीवा में लगाए गए 750 मेगावाट की क्षमता वाले सौर ऊर्जा संयंत्र (सोलर पावर प्लांट) से दिल्ली मेट्रो को सौर ऊर्जा मिलने लगी है। इसके पहले दिन बृहस्पतिवार को दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) को रीवा से 27 मेगावाट सौर ऊर्जा की आपूर्ति हुई।
इस कारण पहली बार सौर ऊर्जा से मेट्रो ने रफ्तार भरी। इस दौरान वायलेट लाइन पर सौर ऊर्जा से रफ्तार भर रही मेट्रो में डीएमआरसी के प्रबंध निदेशक मंगू सिंंह व रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड के चेयरमैन उपेंद्र त्रिपाठी सहित कई अधिकारियों ने जवाहर लान नेहरू स्टेडियम से केंद्रीय सचिवालय तक सफर किया। इसके साथ ही सौर ऊर्जा से मेट्रो का परिचालन शुभारंभ हो गया।
डीएमआरसी का कहना है कि एक सप्ताह के भीतर रीवा से प्रतिदिन 99 मेगावाट सौर ऊर्जा मिलने लगेगी। इसका इस्तेमाल मेट्रो के परिचालन के साथ-साथ फेज तीन के स्टेशनों, डिपो इत्यादि में भी होगा। रीवा सोलर पावर प्लांट से डीएमआरसी को हर साल 34. करोड़ यूनिट (एमयू) बिजली किफायती दर पर मिलेगी। वर्ष 2018-19 में मेट्रो के परिचालन में 109.2 करोड़ यूनिट बिजली खपत हुई।
इसलिए डीएमआरसी को बिजली के बिल पर बड़ी रकम खर्च करना पड़ता है। अब सौर ऊर्जा से दिन में मेट्रो की 60 फीसद बिजली की जरूरतें पूरी हो जाएंगी। इसके अलावा डीएमआरसी मेट्रो स्टेशनों, अपने आवासीय परिसरों व डिपो की छतों पर सोलर प्लेट लगाकर 28 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन भी कर रहा है। सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए ही 17 अप्रैल 2017 को डीएमआरसी ने रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड, सोलर पावर डेवलपर्स व एमपीपीएमसीएल (मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड) से समझौता किया था। रीवा से डीएमआरसी को जून 2018 से ही बिजली की आपूर्ति होनी थी पर तकनीकी कारणों से इसमें देरी हुई।
डीएमआरसी ने तैयार की थी संयंत्र की रूपरेखा
रीवा का सौर ऊर्जा संयंत्र दुनिया के बड़े सौर ऊर्जा संयंत्रों में शुमार है। रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड ने यह संयंत्र लगाया है। यह भारतीय सौर ऊर्जा निगम (एईसीआइ), मध्य प्रदेश सरकार, एमपीपीएमसीएल (मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड) व सोलर पावर डेवलपर्स का संयुक्त उपक्रम है। शुरुआत से ही इस परियोजना की रूपरेखा तैयार करने में डीएमआरसी की अहम भूमिका रही है। इस परियोजना में डीएमआरसी सौर ऊर्जा का सबसे बड़ा और पहला खरीदार पार्टनर है। दिल्ली मेट्रो देश की पहला मेट्रो नेटवर्क है, जिसने यह पहल की है।
सस्ते दर पर मिलेगी बिजली
समझौते के मुताबिक पहले साल में दिल्ली मेट्रो को 2.97 रुपये प्रति यूनिट की दर से सौर ऊर्जा की आपूर्ति होगी। मौजूदा समय में दिल्ली मेट्रो को प्रति यूनिट करीब 6.80 रुपये खर्च करना पड़ता है। एक साल बाद दिल्ली मेट्रो को रीवा से 3.30 रुपये की दर से 25 साल के लिए सौर ऊर्जा की आपूर्ति होगी। इससे मेट्रो के परिचालन पर लागत भी घटेगी।