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दिल्ली में फंसे राजस्थान के लोगों को जिला कलेक्‍टर जारी करेंगे ई-पास, जानें पूरी प्रक्रिया

राजस्थान सरकार द्वारा दिल्ली सरकार के साथ समन्वय स्थापित करने कर लोगों को वापस बुलाने की पहल की जा रही है। इसके लिए उन्‍हें ई पास जारी किए जाएंगे।

By Prateek KumarEdited By: Published: Mon, 04 May 2020 07:26 PM (IST)Updated: Mon, 04 May 2020 07:33 PM (IST)
दिल्ली में फंसे राजस्थान के लोगों को जिला कलेक्‍टर जारी करेंगे ई-पास, जानें पूरी प्रक्रिया

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कोरोना महामारी से निपटने के लिए लागू देशव्यापी लॉकडाउन से प्रभावित माइग्रेंट वर्कर, पिलग्रिम्स (तीर्थयात्री), टूरिस्ट, स्टूडेंट एवं विभिन्न जगहों पर फंसे हुए राजस्थानियों को अपने घर तक पहुंचाने के लिए राजस्थान सरकार निरंतर प्रयासरत है। इसी दिशा में राजस्थान सरकार द्वारा दिल्ली सरकार के साथ समन्वय स्थापित करने के लिए नियुक्त आवासीय आयुक्त टीजे कविथा और राजस्थान फाउंडेशन के आयुक्त धीरज श्रीवास्तव ने दिल्ली सरकार के नोडल अधिकारियों के साथ बातचीत की है। बातचीत में यह निर्धारित हुआ कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लॉकडाउन से प्रभावित लोग जिन्होंने व्यक्तिगत वाहनों से राजस्थान अपने घर आने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाया हैं उनके ई-पास दिल्ली में जारी किया जाएगा। यह पास दिल्‍ली संबंधित जिले के डिप्टी कमिश्नर/ जिला कलेक्टर कार्यालय जारी करेंगे। 

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ऐसे मिलेगा पास

आयुक्त धीरज श्रीवास्तव ने बताया कि चुकीं दिल्ली सरकार द्वारा दिल्ली में आवश्यक सेवाओं की डिलीवरी के लिए ई-पास जारी करने के लिए चलाए जा रहे जनता संवाद ऐप के माध्यम से जारी ई-पास दिल्ली की सीमा क्षेत्रों के अंतर्गत ही मान्य है इसलिए दिल्ली में लॉकडाउन से प्रभावित राजस्थानी माइग्रेंट वर्कर, पिलग्रिम्स, टूरिस्ट, स्टूडेंट और अन्य फंसे हुए लोगों ने राजस्थान सरकार के ऑनलाइन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाया है उनके ई-पास जनता संवाद ऐप के बजाय संबंधित डिप्टी कमिश्नर /जिला कलेक्टर कार्यालयों द्वारा बनाए जाएंगे।

धीरज ने बताया की राजस्थान सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए की ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्लेटफार्म पर अभी तक दिल्ली में कुल 21 हजार 456 लॉकडाउन से प्रभावित  लोगों ने रजिस्टर किया है। इसमें से 6900 प्रभावित लोगों ने स्वयं के वाहनों से जाने के लिए रजिस्टर करवाएं हैं।

बिना स्‍क्रीनिंग किए नहीं मिलेगा पास

उन्होंने बताया कि हमने स्वयं के वाहनों से दिल्ली से राजस्थान जाने वाले उक्त पांचों श्रेणियों के प्रभावित लोगों का डाटा दिल्ली सरकार को उपलब्ध करवा दिया है जिसके आधार पर उन लोगों के नजदीकी जिला कलेक्टर कार्यालयों द्वारा सोमवार से उनके लिए ई-पास बनाने का काम शुरू कर दिया जाएगा। जिला कलेक्टर कार्यालयों से इन लोगों द्वारा उपलब्ध करवाए गए फोन नंबरों पर कॉन्ट्रैक् करके उन्हें स्क्रीनिंग के लिए बुलाया जाएगा। व्यक्तिगत स्क्रीनिंग होने के बाद ही उन्हें पास जारी किए जाएंगे।

नहीं कराया रजिस्‍ट्रेशन तब भी नहीं हो परेशान, अपनाएं यह रास्‍ता

उन्होंने बताया कि दिल्ली में लॉकडाउन से प्रभावित राजस्थान के जिन माइग्रेंट वर्कर, पिलग्रिम्स, टूरिस्ट, स्टूडेंट और अन्य फंसे हुए लोगों ने अभी तक रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया है वह दिल्ली में स्थित नजदीकी जिला कलेक्टर कार्यालय में व्यक्तिगत रूप से संपर्क करके अथवा ई-मेल भेजकर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। हालांकि प्राथमिकता ई-पास बनाने में उन्हें दी जाएगी जिन्होंने राजस्थान सरकार के ई-प्लेटफार्म पर अपना रजिस्ट्रेशन करवाया है।

हो रही ट्रेनों की व्यवस्था

दिल्ली में राजस्थान के फंसे हुए लोग जिनके पास अपने वाहनों से जाने की सुविधा नहीं है उन्हें अपने गंतव्य तक पहुंचाने के लिए राजस्थान सरकार बसों और ट्रेनों की व्यवस्था पर काम कर रही है। आयुक्त धीरज श्रीवास्तव ने बताया की दिल्ली में फंसे हुए उक्त पांचों श्रेणियों के लोग जिन्होंने अपना आवेदन राज्य सरकार के पोर्टल, ई मित्र और हेल्पलाइन के माध्यम से रजिस्टर्ड करवाया है उन्हें प्राथमिकता के आधार पर सूचित किया जाएगा कि कब और कहां से उन्हें वाहन सुविधा उपलब्ध होगी।

दिल्‍ली सरकार से लगातार हो रही बात

उन्होंने बताया कि इस संबंध में दिल्ली सरकार के अधिकारियों के साथ निरंतर वार्ता चल रही है तथा अभी तक दिल्ली में फंसे हुए उक्त पांच श्रेणी के राजस्थानी लोगों ने राज्य सरकार के ई- प्लेटफॉर्म पर रजिस्टर्ड करवाया है उनमें से 14 हजार 556 लोगों के पास अपने गंतव्य तक जाने के लिए अपना कोई प्राइवेट वाहन नहीं है उनके डाटा को दिल्ली सरकार के साथ साझा किया जा रहा है ताकि परिवहन के साधनों की व्यवस्था की जा सके।


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