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SC महिलाओं ने मत्था टेका तो मंदिर को अपवित्र बता रोका भंडारा, मचा हड़कंप

गांव नैनसुखपुरा निवासी अजा परिवार ने मन्नत पूरी होने पर सिहास गांव स्थित दादा भैया के मंदिर में भंडारा करने की इच्छा जताई थी। गांव के ही ऊंची जाति के परिवार ने इसका विरोध कर दिया।

By Prateek KumarEdited By: Published: Sun, 16 Jun 2019 10:35 PM (IST)Updated: Mon, 17 Jun 2019 08:27 AM (IST)
SC महिलाओं ने मत्था टेका तो मंदिर को अपवित्र बता रोका भंडारा, मचा हड़कंप
SC महिलाओं ने मत्था टेका तो मंदिर को अपवित्र बता रोका भंडारा, मचा हड़कंप

रेवाड़ी, जेएनएनदिल्ली से सटे हरियाणा के रेवाड़ी के गांव सिहास के दादा भैया मंदिर में रविवार को जाति की दीवार ढहने की बजाय दो जातियों के बीच विवाद की खाई और गहरी हो गई। अनुसूचित जाति की महिलाओं का मंदिर में मत्था टेकना ऊंची जाति के लोगों को इतना नागवार गुजरा कि उन्होंने मंदिर को ही अपवित्र बता दिया। सामूहिक तौर पर आयोजित किए गए भंडारे को बीच में ही रोक दिया तथा भंडारे के लिए बनाया गया प्रसाद गोशाला में भेज दिया। अजा परिवार द्वारा भंडारे के लिए दिए गए पैसे को भी लौटा दिया गया। गांव में स्थिति तनावपूर्ण होने के कारण पुलिस बल की तैनाती की गई है। 

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आपसी सौहार्द नहीं हो पाया कायम

गांव नैनसुखपुरा निवासी अजा परिवार ने मन्नत पूरी होने पर सिहास गांव स्थित दादा भैया के मंदिर में भंडारा करने की इच्छा जताई थी। गांव के ही ऊंची जाति के परिवार ने इसका विरोध कर दिया था तथा खुद भंडारा करने व अजा परिवार के मंदिर में घुसने पर अंजाम भुगतने की चेतावनी दी थी।

मामला तूल पकडऩे लगा तो शनिवार को इस बाबत दोनों पक्षों की मौजूदगी में पुलिस थाने में पंचायत हुई थी। पंचायत में दोनों गांवों के दो मौजिज लोगों को लेकर कमेटी गठित कर दी गई थी तथा प्रसाद चढ़ाने की जिम्मेदारी इन्हीं लोगों को सौंपी गई थी। दोनों पक्षों से पैसे लेकर सामूहिक भंडारा करने पर सहमति बन गई थी।

इस फैसले के बाद मंदिर में रविवार को भंडारे से पहले हवन हुआ। हवन में दोनों पक्षों के लोग मौजूद रहे। हवन के बाद मंदिर के निकट ही भंडारा भी शुरू कर दिया गया। आसपास के ग्रामीण भी भंडारे में प्रसाद ग्रहण करने पहुंचे थे।

इसी दौरान पुलिस सुरक्षा में अजा समाज की महिलाओं को दादा भैया मंदिर के चबूतरे पर मत्था टेकने व प्रसाद चढ़ाने के लिए प्रवेश करा दिया गया। महिलाओं के मंदिर के चबूतरे पर चढऩे का ऊंची जाति के लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया।

सूचना मिलने पर कोसली के डीएसपी अनिल कुमार मौके पर पहुंचे। दोनों पक्षों के बीच सौहार्द कायम रखने के प्रयास हुए, लेकिन ऊंची जाति के लोगों ने कहा कि मंदिर अपवित्र हो गया है। उन्होंने भंडारे को बीच में ही रोक दिया तथा बनाया गया प्रसाद ट्रैक्टर में डालकर गोशाला भेज दिया गया। ऊंची जाति के लोगों ने अजा जाति के परिवार द्वारा भंडारे के लिए दी गई 10 हजार की नकदी भी लौटा दी।

पुल‍िस का पक्ष

गांव में पूरी तरह शांति है। अब किसी प्रकार का विवाद नहीं है। सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस की तैनाती की गई है। जो लोग हंगामा कर रहे थे उन्हें समझा दिया गया है। स्थिति नियंत्रण में है।

-अनिल कुमार, डीएसपी कोसली

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