LG-सीएम में फिर टकराव के आसार, केंद्र की मंजूरी बिना कैसे लागू होंगी योजनाएं
दिल्ली सरकार ने राशन की डोर स्टेप डिलीवरी योजना को भी लागू करने के आदेश जारी कर दिए हैं, लेकिन इस पर केंद्र से स्वीकृति नहीं ली गई।
नई दिल्ली (संजीव गुप्ता)। दिल्ली में चल रहे सियासी संग्राम के बीच एक बार फिर से उपराज्यपाल (एलजी) एवं दिल्ली सरकार के बीच टकराव होने के आसार बन गए हैं। सीसीटीवी कैमरे के मुद्दे पर उपराज्यपाल द्वारा गठित उच्चस्तरीय कमेटी की रिपोर्ट और राशन की डोर स्टेप डिलीवरी योजना में केंद्र से मंजूरी नहीं लेना समस्या उत्पन्न कर सकती है। वरिष्ठ अधिकारी भी इससे इन्कार नहीं कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लोक निर्माण विभाग को मंगलवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में सीसीटीवी पर प्रस्ताव लाने का निर्देश दे रखा है। माना जा रहा है कि दिल्ली में 1.40 लाख सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना को जल्द हरी झंडी दिखा दी जाएगी। लेकिन, उपराज्यपाल द्वारा इस संबंध में गठित उच्चस्तरीय कमेटी की रिपोर्ट सरकार की सोच से अलग राय रखती है। ‘द दिल्ली रूल्स फॉर रेग्यूलेशन ऑफ सीसीटीवी कैमरा सिस्टम इन एनसीटी ऑफ दिल्ली- 2018’ शीर्षक से सप्ताह भर पहले ही कमेटी ने एलजी को रिपोर्ट सौंपी है।
कमेटी ने सीसीटीवी कैमरों का संचालन और नियंत्रण दिल्ली पुलिस को सौंपने की सिफारिश की है। पुलिस उपायुक्त (लाइसेंसिंग) को दायित्व सौंपने की अनुशंसा के साथ कहा गया कि सीसीटीवी कैमरे से एकत्रित फुटेज पर पुलिस ही नियंत्रण कर सकते हैं। यदि यह कार्य सरकार के हाथ में रहा तो इसका दुरुपयोग भी संभव है। इस रिपोर्ट की अधिसूचना के जारी होते ही दिल्ली सरकार का प्रस्ताव फिर से खटाई में पड़ सकता है।
दिल्ली सरकार ने राशन की डोर स्टेप डिलीवरी योजना को भी लागू करने के आदेश जारी कर दिए हैं, लेकिन इस पर केंद्र से स्वीकृति नहीं ली गई। अधिकारी बताते हैं कि डोर स्टेप डिलीवरी योजना टारगेटेड पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन स्कीम (टीपीडीएस) के तहत आती है। टीपीडीएस में खाद्य भंडार के खरीद, भंडारण, वितरण और थोक आवंटन में केंद्र सरकार प्रमुख भूमिका निभाती है। टीपीडीएस राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अंतर्गत लागू होती है।
विधि विभाग ने भी यह पाया है कि इस योजना को लागू करने से पहले सेक्शन 12 (2)(एच) के तहत केंद्र सरकार की पूर्व अनुमति लेना जरूरी है। इस वजह से यहां भी केजरीवाल सरकार कानूनी अड़चन में फंस सकती है।
सीसीटीवी व राशन की ‘डोर स्टेप डिलीवरी’ पर फंस रहा पेंच
दिल्ली में 1.40 लाख सीसीटीवी कैमरे लगाने की है योजना उपराज्यपाल अनिल बैजल ने जिस मुख्यमंत्री तीर्थयात्रा योजना पर रोक लगाई थी, उसे अधिकारों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दिल्ली सरकार ने मंजूरी दे दी है। राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत ने पत्रकार वार्ता कर इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि दिल्ली कैबिनेट ने योजना को गत आठ जनवरी को मंजूरी दे दी थी, लेकिन एलजी की तरफ से इस पर आपत्तियां लगाई गई थीं। इस वजह से इसे अब तक लागू नहीं किया जा सका था।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री तीर्थयात्र योजना के तहत हर विधानसभा क्षेत्र से हर साल 1100 वरिष्ठ नागरिकों को तीर्थों की यात्रा कराई जाएगी। इसका खर्च दिल्ली सरकार उठाएगी। इस तरह हर साल सरकार दिल्ली के 77,000 वरिष्ठ नागरिकों को मुफ्त में तीर्थों का भ्रमण कराएगी। इसके तहत तीन दिन और दो रात की यात्र कराई जाएगी। शुरुआत में पांच रूट तय किए गए हैं, जिनमें मथुरा-वृंदावन, हरिद्वार ऋषिकेश- नीलकंठ, पुष्कर-अजमेर, अमृतसर-बाघा-आनंदपुर साहिब व वैष्णो देवी-जम्मू शामिल हैं।
लाभ पाने के लिए जरूरी बातें
1.दिल्ली का नागरिक होना चाहिए
2. आयु 60 साल से अधिक होनी चाहिए
3. चयनित वरिष्ठ नागरिक अपने साथ 18 साल से अधिक उम्र के एक सहयोगी को भी साथ ले जा सकेंगे, जिसका पूरा खर्च सरकार उठाएगी
4. सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा
5. एसी बसों से तीर्थ यात्र कराई जाएगी। भोजन-नाश्ते की व्यवस्था भी सरकार की तरफ से की जाएगी
6. सभी आवेदन पत्र ऑनलाइन भरे जाएंगे। आवेदन पत्र डिविजनल कमिश्नर ऑफिस, संबंधित विधायक के ऑफिस या तीर्थ यात्र कमेटी के ऑफिस से भरे जाएंगे।
7. ड्रॉ से लाभार्थियों का चयन किया जाएगा
8.संबंधित विधायक प्रमाणित करेंगे कि व्यक्ति दिल्ली का नागरिक है।